वंदे भारत

मुंबई-सोलापुर और मुंबई-साईंनगर वंदे भारत को हरी झंडी

मुंबई-सोलापुर वंदे भारत और मुंबई-साईंनगर शिरडी वंदे भारत ट्रेनों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

उन्होंने मुंबई में सड़क यातायात की भीड़ को कम करने और वाहनों की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने के लिए दो सड़क परियोजनाओं- सांताक्रूज चेंबूर लिंक रोड और कुरार अंडरपास परियोजना- को भी राष्ट्र को समर्पित किया।

छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के प्लेटफार्म नं. 18 पर आने के बाद, प्रधानमंत्री ने मुंबई-साईंनगर शिरडी वंदे भारत का निरीक्षण किया। उन्होंने ट्रेन के चालक दल और कोच के अंदर बैठे बच्चों से बातचीत भी की।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत में रेलवे, विशेष रूप से महाराष्ट्र में उन्नत रेल-संपर्क के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि पहली बार दो वंदे भारत ट्रेनों को एक ही दिन हरी झंडी दिखाई गई है।

उन्होंने कहा कि नई वंदे भारत ट्रेनों से शिरडी, नासिक, त्र्यंबकेश्वर और पंचवटी जैसे पवित्र स्थानों की यात्रा आसान हो जाएगी, जिससे पर्यटन के साथ-साथ तीर्थाटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा, “सोलापुर वंदे भारत एक्सप्रेस से पंढरपुर, सोलापुर, अक्कलकोट और तुलजापुर की तीर्थ यात्रा और भी अधिक आसान हो जायेगी।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन आधुनिक भारत की भव्य तस्वीर है। “ये भारत की गति और पैमाने का प्रतिबिंब है।” वंदे भारत ट्रेनों को लॉन्च करने की गति के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक देश के 17 राज्यों के 108 जिलों को जोड़ने वाली 10 वंदे भारत ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि आज शुरू की जा रही विभिन्न परियोजनाएं, जीवन को और आसान बनाएंगी। उन्होंने कहा कि ऊपरी सड़कें (एलिवेटेड रोड) पूर्वी और पश्चिमी उपनगरीय क्षेत्रों तथा अंडरपास को जोड़ेंगी, जो महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के भारत के लिए सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने की जरूरत को दोहराया क्योंकि इससे नागरिकों का जीवन-यापन व्यापक रूप से आसान होगा।

उन्होंने कहा कि आधुनिक ट्रेनों की शुरुआत, मेट्रो के विस्तार और नए हवाई अड्डों एवं बंदरगाहों के निर्माण के पीछे यही सोच है। बजट भी इस सोच को मजबूत करता है क्योंकि पहली बार बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष रूप से 10 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं। इसमें रेलवे की हिस्सेदारी 2.5 लाख करोड़ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रेल बजट में महाराष्ट्र के लिए आवंटन में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और उम्मीद जताई कि डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से महाराष्ट्र में कनेक्टिविटी में और तेजी से विस्तार होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “इस साल के बजट से मध्यम वर्ग मजबूत हुआ है।” 

उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि इस वर्ष के बजट में वेतनभोगी और व्यवसाय करने वाले, दोनों वर्गों की जरूरतों का ध्यान रखा गया है।

उन्होंने कहा कि 2014 से पहले दो लाख रुपये से अधिक आय वाले लोगों पर कर लगाया जाता था, लेकिन यह वर्तमान सरकार ही है जिसने शुरुआत में इस सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये और अब इस साल के बजट में सात लाख रुपये कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “जिन लोगों को यूपीए सरकार के दौर में 20 प्रतिशत कर देना पड़ता था, उन्हें आज कोई कर नहीं देना पड़ता है।” उन्होंने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि नई नौकरियों वाले लोगों के पास अब और अधिक बचत करने का अवसर है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए यह विश्वास व्यक्त किया कि ‘सबका विकास सबका प्रयास’ की भावना को बढ़ावा देने वाला यह बजट हर परिवार को ताकत देगा और सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे, केन्द्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले एवं कपिल मोरेश्वर पाटील और महाराष्ट्र सरकार के मंत्रीगण सहित कई गणमान्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।