देहरादून, 17 अक्टूबर | उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को स्वीकार किया कि केदारनाथ मंदिर के आसपास से कई नर कंकाल बरामद हुए हैं। यह कंकाल उन लोगों के हैं जो साल 2013 में भारी वर्षा और अचानक आई बाढ़ के कारण काल के गाल में समा गए थे। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पुष्टि की कि 31 नर कंकाल मिले थे, जिनमें 23 की अंत्येष्टि कर दी गई।
यह दिल दहलाने वाली खोज केदारनाथ मार्ग पर त्रियुगीनारायण में की गई थी। यह स्थल साल 2013 में भारी वर्षा और अचानक आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक जांच के लिए कंकाल के डीएनए सुरक्षित रख लिए गए हैं और बाद में पहचान की जाएगी।
केदारनाथ क्षेत्र में अनेक नर कंकाल मिलने की अपुष्ट रपटों के बाद यह रहस्योद्घाटन किया गया है।
अधिकारियों को आशंका है कि नर कंकाल उन श्रद्धालुओं के हैं जो केदारनाथ के ऊपर बादल फटने के बाद उफनती नदी को देख उंचाई पर शरण लेने के लिए भागे थे, लेकिन भोजन और पानी के अभाव में उनकी मौत हो गई।
एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि शेष 8 नर कंकालों की अंत्येष्टि मंगलवार को होगी।
मुख्यमंत्री रावत ने और नर कंकाल की खोज के लिए अधिकारियों को अगले कुछ दिनों तक क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों के अनुसार, त्रियुगीनारायण क्षेत्र में 31 नर कंकालों का मिलना संकेत देता है कि इस क्षेत्र में और नरकंकाल दफन हो सकते हैं।
आपदा में हजारों श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और सैकड़ों लापता हो गए थे।
उस समय छोटा तलाशी अभियान चलाया गया था, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। कई परिवारों ने अपने स्तर से भी तलाशी अभियान चलाए थे, मगर कोई खास सफलता हासिल नहीं हुई थी। –आईएएनएस
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