कोडुंगलूर, 27 फरवरी। ‘मुजिरिस हेरिटेज परियोजना’ एक दूसरे की आस्था और मूल्यों को सम्मान देने के इतिहास को याद दिलाती है। यह हमारे देश की सबसे बेहतरीन विरासत है जहां विभिन्न धर्मावलंबी लोग प्रेम और सौहार्द से एक साथ रहते हैं।
यह बात राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को केरल के कोडुंगलूर में मुजिरिस हेरिटेज परियोजना का उद्घाटन करने के बाद कही।
फाइल फोटो :
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा हेरिटेज संरक्षण प्रोजेक्ट और केरल का पहली हरित परियोजना है। यह विश्व के पर्यटकों को बेहतरीन विरासत पर्यटन के लिए आमंत्रित करती है।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं कि यह परियोजना भारत और विदेशी पर्यटकों के लिए एक नया गतंव्य स्थान तय करेगी और साथ ही इस क्षेत्र और यहां आने वाले लोगों के बीच जानकारी तथा आर्थिक लाभ के द्वारा खोलेगी।
उन्होंने कहा कि केरल में मसालों के इतिहास ने कई ऐतिहासिक और विरासत के द्वीपों का निर्माण किया है लेकिन पर्यटन का अनुभव हमेशा इससे अलग रहा है।
राष्ट्रपति ने खुलासा किया कि केरल के इस इलाके में दो हजार वर्ष से अधिक समय से विभिन्न मत के लोग शांति और सामंजस्य के साथ रहते आए हैं। केरल के राजाओं ने विदेशों से आए लोगों के साथ उनके धर्मों यहूदी धम, इस्लाम और ईसाई का स्वागत किया। राजाओं ने इन विभिन्न मतावलंबियों को पूजा के लिए भूमि के साथ और संरक्षण भी दिया।
उन्होंने कहा किआज केरल देश का ऐसा राज्य है जहां धर्म परंपराओं की साझेदारी करते हैं। कई गिरजाघरों में हिन्दू मंदिरों की तरह झंडा और तेल के दीपक जलाते हैं। इसी तरह चेरामन मस्जिद में हमेशा दीपक जलता रहता है। सहष्णिुता और उदारता के मामले में केरल के लोग विश्व के लिए उदाहरण हैं।
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