लखनऊ, 23 अगस्त । उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव द्वारा आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को फोन पर दी गई कथित धमकी मामले में दर्ज एफआईआर पर हजरतगंज पुलिस द्वारा लगाई गई अंतिम रिपोर्ट को अदालत ने खारिज कर दिया है और अमिताभ के माबाइल में रिकार्ड आवाज का मिलान कराने का आदेश दिया है। सीजेएम (लखनऊ) संध्या श्रीवास्तव ने अपने आदेश में कहा कि केस डायरी से स्पष्ट है कि विवेचक ने कॉम्पैक्ट डिस्क में अंकित वार्तालाप की आवाज के नमूने का परीक्षण नहीं कराया है, मात्र मौखिक बयान लेकर अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है।
उन्होंने हजरतगंज के क्षेत्राधिकारी को इस मामले में अग्रिम विवेचना करते हुए अमिताभ और मुलायम सिंह की आवाज का नमूना प्राप्त कर उसका कॉम्पैक्ट डिस्क की आवाज से विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिक लैब) में परीक्षण कराकर 30 सितंबर तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।
इस मामले में विवेचक द्वारा धमकी की बात गलत होने और अमिताभ द्वारा सहज लोकप्रियता के लिए गलत तथ्यों के आधार पर झूठी सूचना दिए जाने की बात कहते हुए अंतिम रिपोर्ट भेजी गई थी। अमिताभ ने कोर्ट में इस अंतिम रिपोर्ट के खिलाफ विरोध याचिका दायर किया था।
गौरतलब है कि 10 जुलाई, 2015 को आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने आरोप लगाया था कि सपा मुखिया ने उन्हें मोबाइल फोन पर धमकी दी। इसके बारे में उन्होंने 11 जुलाई को थाना हजरतगंज में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत करने के एक दिन बाद 13 जुलाई को उन्हे निलंबित किया गया था।
इस मामले में हजरतगंज थाने पर 24 सितंबर, 2015 को सीजेएम कोर्ट के आदेश से एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसमें विवेचना अधिकारी ने चंद दिनों में यह कहते हुए अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी कि अमिताभ ठाकुर ने सस्ती लोकप्रियता के लिए यह मुकदमा दर्ज कराया था और मामले में कोई दम नहीं है। अमिताभ ने इसके खिलाफ सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर की थी। (आईएएनएस/आईपीएन)
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