लंदन, 13 जुलाई | महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि भारतीय टीम के नवनियुक्त मुख्य कोच अनिल कुंबले टीम को मुश्किल हालात से लड़ना सिखाएंगे। तेंदुलकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का हिस्सा हैं और सीएसी ने ही भारतीय टीम के कोच का चुनाव किया था।
दिग्गज लेग स्पिनर के साथ अपने बिताए गए समय को याद करते हुए तेंदुलकर ने उन्हें बेशुमार अनुभव वाला कड़ा प्रतिद्वंद्वी बताया। उनका मानना है कि उनका विशाल अनुभव टीम के काम आएगा।
वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने तेंदुलकर के हवाले से लिखा, “यह मजबूत व्यक्तित्व और मुश्किल हालात में खड़े होने की बात है। मुझे लगता है कि अनिल यह बात टीम को सिखाएंगे। हर मैच में मुश्किल हालात पैदा होते हैं इसलिए उन हालात से लड़ना महत्वपूर्ण है। वह टीम को हर एक पल पर काबू पाना सिखाएंगे।”
पूर्व कप्तान ने कहा, “अनिल के साथ मेरा अनुभव शानदार रहा है। वह मैच विजेता खिलाड़ी रहे हैं और युवा उनसे काफी कुछ सीख सकते हैं। अनिल ने इस बेहतरीन खेल से जो कुछ भी सीखा है वह उसे साझा करने के लिए तैयार हैं।”
पिछले कुछ महीनों से बल्ले के आकार को लेकर चर्चा में रहे आस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर का इस दिग्गज खिलाड़ी ने समर्थन किया है। आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने हाल ही में वार्नर की आलोचना की थी।
बल्ले और गेंद के बीच संतुलने बनाने के लिए सचिन ने गेंदबाजों की मददगार पिच बनाने की बात कही है।
बल्लेबाजों के बढ़ते प्रभाव के बीच मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) की विश्व क्रिकेट समिति ने मंगलवार को बल्ले की लंबाई और चौड़ाई को सीमित करने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं।
क्रिकेट की नियामक संस्था एमसीसी की 2014 में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछली शताब्दी के मुकाबले बल्ले की चौड़ाई में 300 प्रतिशत का इजाफा हुआ है जिसका मतलब है कि गलत शॉट भी सीमारेखा तक पहुंच सकता है।
वार्नर ने पिछले सप्ताह कहा था कि चौड़े बल्ले की अपेक्षा सपाट पिचों के कारण बल्लेबाजों को ज्यादा फायदा हो रहा है। तेंदुलकर ने आस्ट्रेलिया के इस सलामी बल्लेबाज का समर्थन किया है।
तेंदुलकर ने कहा, “पिचों को बदलने की जरूरत है। वह गेंदबाजों के लिए मददगार होनी चाहिए। टी-20 क्रिकेट में महान गेंदबाज पर भी बल्लेबाज रिवर्स स्वीप शॉट खेलते हैं। एकदिवसीय में तीन सौ रन भी जीत के लिए काफी नहीं हैं।”
उन्होंने कहा, “इसलिए कम से कम खेल का एक प्रारूप ऐसा होना चाहिए जहां गेंदबाजों को अपना कौशल दिखाने के मौका मिले।”
तेंदुलकर ने कहा, “किसी के लिए भी पांच दिनों तक टेस्ट मैच देखना मुश्किल है, इसलिए आपको पिच में बदलाव करना होगा। मुझे नहीं लगता है कि इसका बल्ले से कोई लेना देना है। मुझे भरोसा है कि पैनल इस बारे में विचार करेगा। यही बात वार्नर ने कही थी।” –आईएएनएस
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