मृणालिनी साराभाई नहीं रहीं

नई दिल्ली, 21 जनवरी (जनसमा)। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की नृत्यांगना श्रीमती मृणालिनी साराभाई नहीं रहीं। उनका गुरूवार को अहमदाबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 97 साल की थीं। फेफड़ों में संक्रमण के कारण उन्हें अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

वे अपने पीछे एक पुत्र और पुत्री छोड़ गईं हैं। पुत्र कार्तिकेय साराभाई मशहूर वैज्ञानिक हैं और पुत्री  मल्लिका साराभाई मशहूर नृत्यांगना और सामाजिक कार्यकर्ता हैं।

उनकी बेटी और मशहूर नृत्यांगना मल्लिका साराभाई ने फेसबुक पर देहान्त की सूचना देते हुए लिखा, ‘‘मेरी माँ मृणालिनी साराभाई अपने शाश्वत नृत्य के लिए हमें छोड़ गई हैं।’’

स्व. मृणालिनी साराभाई का जन्म 11 मई 1918 को केरल में हुआ था। उनका विवाह भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम के प्रणेता मशहूर वैज्ञानिक स्व. विक्रम साराभाई के साथ हुआ था।

पद्मभूषण से सम्मानित, संगीत नाटक अकादमी के रत्न सम्मान से विभूषित स्व. मृणालिनी साराभाई कथकली और भरतनाट्यम की शानदार कलाकार थीं। उन्होंने अहमदाबाद में ‘दर्पण अकादमी’ के नाम से एक नृत्य-संगीत का संस्थान स्थापित किया था, जिसमें उन्होंने अपने जीवनकाल में 18 हजार से अधिक देशी-विदेशी छात्र-छात्राओं को भारतीय नृत्य-संगीत में प्रशिक्षित किया।

उन्हें अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उन्हें कई विश्वविद्यालयों ने मानद उपाधि से भी विभूषित किया था। शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में उन्हें एक शानदार नृत्यांगना और अभिनव प्रयोग के लिए नृत्य-निर्देशिका के रूप में याद किया जाता रहेगा।

मृणालिनी साराभाई के निधन पर कांग्रेस पार्टी ने दुख जताया है। 

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने संदेश में कहा कि मृणालिनी साराभाई का शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में अतुल्य योगदान देश हमेशा याद रखेगा। उनके निधन से शास्त्रीय नृत्य और संगीत के क्षेत्र को जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई कभी नहीं हो पाएगी।