दमोह, 7 जून | मध्य प्रदेश के दमोह जिले में चिकित्सकों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां के सरकारी अस्पताल में जन्मी नवजात शिशु को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया, मगर जब उसे श्मशान घाट में दफनाया जा रहा था, तभी उसकी किलकारियां गूंज उठीं। नवजात बच्ची को दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है। सिविल सर्जन डा. बी आर अग्रवाल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
बताया गया है कि मड़ियादो निवासी मीना आठ्या ने सोमवार की दोपहर एक बच्ची को जन्म दिया था, कुछ ही देर बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन जब उस नवजात शिशु का शव लेकर श्मशान घाट पहुंचे और अंतिम संस्कार की तैयारी में जुटे थे, तभी बालिका के शरीर में हरकत हुई और किलकारी गूंज उठी। नवजात शिशु को दोबारा अस्पताल लाया गया और उसका गहन चिकित्सा कक्ष में उपचार जारी है।
सिविल सर्जन डा. अग्रवाल ने बताया कि नवजात शिशु 20 सप्ताह का है और उसका वजन भी बहुत कम लगभग 540 ग्राम है। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने डा. अग्रवाल को बताया कि जब मीना आठ्या ने बच्ची को जन्म दिया था, तब उसके शरीर में न तो कोई हरकत थी और न ही सांस चल रही थी, लिहाजा उसे मृत घोषित करते हुए शव परिजनों को सौंप दिया था।
डा. अग्रवाल ने कहा कि बच्ची को दोबारा गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया है, जहां उपचार चल रहा है। वहीं लापरवाही की जांच कराई जा रही है, दोषियों पर कार्रवाई होगी।
Follow @JansamacharNews