‘मेक इन इंडिया’ को साकार करने के लिए अग्रसर है गुजरात : आनंदीबेन

मुंबई, 18 फरवरी। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ संकल्प को साकार करने के लिए गुजरात के सम्पूर्णतया प्रतिबद्ध होने की बात कही।

मुख्यमंत्री ने मुम्बई में आयोजित हो रहे ‘मेक इन इंडिया वीक’ में मंगलवार को गुजरात सेशन में उपस्थित उद्योगपतियों और पूंजी निवेशकों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि औद्योगिक मैत्रीपूर्ण नीतियों के सुचारु अमल से गुजरात ग्लोबल गेट वे ऑफ इंडिया बनाया गया है। गुजरात में उद्योग स्थापना के लिए उदार नीतियों से श्रेष्ठतम अवसर मौजूद हैं।

निवेशकों की श्रेष्ठ पसन्द बन रहे गुजरात में पूंजी निवेश को इंस्टीट्यूशनल स्वरूप प्रदान करने के लिए विश्व के पांच शहरों फ्रेंकफर्ट, दुबई, न्युयार्क, ग्वानगजो और टोकियो में फॉरेन डेस्क शुरु करने का उल्लेख करते हुए उन्होंने राज्य में उद्योगों को आवश्यक मंजूरियां और अनुमतियां एक ही स्थल से उपलब्ध करवाने के मकसद से सिंगल विंडो प्रारम्भ किए जाने की जानकारी भी दी।

उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट समिट में हुए विभिन्न समझौता करारों, एमओयु. के अमल और प्रगति के लिए मुख्यमंत्री की निगरानी में हाईलेवल कमेटी का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने गुजरात में हाल ही में घोषित इलेक्ट्रोनिक पॉलिसी, आईटी. पॉलिसी, कुटीर उद्योग नीति, टेक्सटाइल पॉलिसी, प्लास्टिक इंड्स्ट्री पॉलिसी और टूरिज्म पॉलिसी की विशेषताएं बतलाईं।

उन्होंने कहा कि अब गुजरात मेगा इंडस्ट्री इन्सेंटिव, पॉलिसी, एमएसएमई पॉलिसी, एग्रो फूड पॉलिसी और डिफेंस मेन्युफेक्चरिंग पॉलिसी की भी जल्द ही घोषणा करेगा।

इन सभी नीतियों के सन्दर्भ में मेक इन इंडिया में समाविष्ट 25 मामलों में गुजरात कॉन्संट्रेट करने वाला है। राज्य में नये औद्योगिक पार्क और स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन को भी प्रोत्साहन देकर मेक इन इंडिया को साकार करने के लिए गुजरात अग्रसर है। समग्र देश में निवेश प्रस्तावों और अमल में गुजरात प्रथम क्रम पर रहा है। वर्ष 2015 में राज्य में 62,403 करोड़ के निवेश प्रपोजल प्राप्त हुए हैं जो समग्र देश का 21 फीसदी है।

गुजरात इज ऑफ डुइंग बिजनेस के 97 विभिन्न पेरामीटर्स में श्रेष्टता के मानदंडों पर खरा उतरा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में बड़े उद्योगों के साथ ही लघु और मध्यम आकार के उद्योगों को भी प्रोत्साहन दिया गया है और राज्य में 6 लाख से ज्यादा लघु और मध्यम आकार के उद्योग 39 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं।

गुजरात देश का बड़ा ऑटो हब बना है और टाटा, फोर्ड, मारूति और होंडा स्कूटर्स जैसे बड़े उद्योग राज्य में कार्यरत हुए हैं। उन्होंने कहा कि गांधीजी के स्वप्न घर कुटीर उद्योग को साकार करने के लिए गुजरात ने कोटेज इंडस्ट्रीज को विशेष प्रोत्साहन देने वाली कुटीर उद्योग नीति के तहत वन विलेज-वन प्रोजेक्ट को प्रेरित करने का नया विचार अपनाया है। इसके कारण नारीशक्ति के उद्योग कौशल्य और ग्रामीण लघु- सूक्ष्म उद्योगों को गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने 65 प्रतिशत युवाओं के देश वाली युवाशक्ति के सामर्थ्य- कौशल्य को उचित प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए स्टार्ट अप पॉलिसी के तहत राज्य में स्टार्ट अप मिशन शुरु करने की प्रतिबद्धता जतायी। युवा उद्योगपतियों के शोध, संशोधनों को प्रोत्साहित करने के लिए इंक्युबेशन सेंटर्स और आर एंड टी सेंटर्स को गतिशील बनाने का संकल्प भी उन्होंने जताया।

मुख्यमंत्री ने गुजरात की सर्वग्राही औद्योगिक विकास की अनेक पहलों का उल्लेख करते हुए डीएमआईसी प्रोजेक्ट की व्युहात्मकता, धोलेरा सर के पास स्टेट ऑफ आर्ट शहर विकसित करने, साणन्द में महिलाओं के लिए विशेष इंडस्ट्रीयल पार्क और भरूच के जुनैद-वडोदरा के पास हालोल में भी इस प्रकार का पार्क शुरु करने की जानकारी भी इस सेशन में दी।

गुजरात सेशन में राज्य के औद्योगिक विकास की गतिशीलता का वीडियो निदर्शन भी प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री ने गुजरात पवेलियन और धोलेरा एसआईआर. प्रोजेक्ट स्टॉल का निरीक्षण भी किया।

मुख्य सचिव जी. आर. अलोरिया, मुख्यमंत्री के अग्र सचिव के. कैलाशनाथन, उद्योग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरविन्द अग्रवाल, उद्योग आयुक्त ममता वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अजय भादु, वरिष्ठ उद्योगपति और अधिकारी उपस्थित थे।