नई दिल्ली, 10 मई | भारत ने इस साल की पहली तिमाही में कुल 5.28 करोड़ मोबाइल फोन का आयात किया, जो पिछले साल की इस अवधि से चार फीसदी कम है और इस कमी के पीछे का कारण भारत में निर्मित होने वाले मोबाइल फोन की बाजार में बढ़ती खपत है। एक हालिया रपट से मंगलवार को यह जानकारी मिली। मार्केट रिसर्च कंपनी, साइबर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) ने कहा, “कुल बिक्री में भारतीय ब्रांड के मोबाइल फोन का योगदान सबसे अधिक 45 फीसदी के करीब रहा है, जो साल 2015 की चौथी तिमाही की तुलना में सात फीसदी अधिक है और ‘मेड इन इंडिया’ हैंडसेट का बिक्री में योगदान 67 फीसदी है।”
दिलचस्प बात तो यह है कि इस अवधि के दौरान चीनी व अन्य वैश्विक ब्रांड की बिक्री कम रही।
सीएमआर के टेलीकॉम प्रैक्टिस के मुख्य विश्लेषक फैसल कवूसा ने कहा, “हम पहली बार यह देख रहे हैं कि आयात में 10-15 हजार रुपये के मोबाइल फोन का बोलबाला रहा है।”
आयात में यह वृद्धि चाइनीज कंपनी लइको तथा लेनेवो, ओप्पो, एलजी, पैनासोनिक, माइक्रोमैक्स, इंटेक्स, लाइफ (रिलायंस जियो) तथा वीवो जैसी कंपनियों द्वारा 10-15 हजार रुपये के सेगेमेंट में तरह-तरह के मोबाइल फोन की लॉन्चिंग हैं।
फैसल ने कहा, “इनमें कुछ स्मार्टफोन का प्रदर्शन तो बेहद ही अच्छा है, जैसे लेनेवो का के4 नोट, लइको का एलई1एस, माइक्रोमैक्स का कैनवास मेगा 4जी, हुआवे का ऑनर 5एक्स तथा इंटेक्स के एक्वा फ्रीडम जैसे मॉडल की बिक्री बेहद अधिक है।”
स्मार्टफोन की औसत बिक्री कीमतें भी बढ़ रही हैं। साल 2015 की चौथी तिमाही में स्मार्टफोन की औसत बिक्री कीमत 12,285 रुपये थी, जबकि इस साल की पहली तिमाही में यह 12,983 रुपये है। साल 2015 की पहली तिमाही में यह 10,364 रुपये थी।
फैसल ने कहा, “66 फीसदी स्मार्टफोन तथा 60 फीसदी 4जी स्मार्टफोन का निर्माण भारत में ही होता है। अब समय महंगे स्मार्टफोन की तरफ रुख करने का है, जिसमें भारत का योगदान नगण्य है।”
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