नई दिल्ली, 6 मई | सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) जारी रहेगी, साथ ही मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राज्यस्तरीय प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की इजाजत दी जा सकती है। यह हालांकि सोमवार को केद्र सरकार की ओर से प्रस्तुत किए जाने वाले पक्ष पर निर्भर करेगा।
न्यायमूर्ति ए.आर. दवे के नेतृत्व में सर्वोच्च न्ययालय की पीठ ने स्पष्ट कर दिया कि निजी मेडिकल कॉलेजों को एनईईटी से मुक्ति नहीं मिलेगी।
सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने अदालत से कहा कि इस मुद्दे के हल के लिए राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की केंद्रीय प्राधिकारियों के साथ बैठक होने वाली है। इस पर पीठ ने संकेत दिया कि मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राज्यस्तरीय प्रवेश परीक्षा की अनुमति दी जा सकती है।
इस मामले की सुनवाई सोमवार को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। क्योंकि राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ बैठक के नतीजों से केंद्र सरकार सोमवार को अदालत को अवगत कराएगी।
अदालत ने इस पर भी जवाब मांगा कि जो छात्र 1 मई को हुई प्रथम चरण की परीक्षा में सम्मलित हुए थे उन्हें 24 जुलाई को होने वाली एनईईटी की दूसरे चरण की परीक्षा में पुन: शामिल होने दिया जा सकता है।
इस बीच भारतीय चिकित्सा परिषद(एमसीआई) ने अदालत से कहा कि वह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए एनईईटी से छूट और राज्यस्तरीय प्रवेश परीक्षा के पक्ष में है। लेकिन केवल उन छात्रों के लिए जो किसी कारण से 1 मई को हुई एनईईटी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुए थे।
(आईएएनएस)
Follow @JansamacharNews