जगदलपुर, 24 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ में बस्तर रेंज के आईजी एस.आर.पी. कल्लूरी को हटाने और उन्हें जेल भेजने की कांग्रेस की मांग पर आईजी ने कहा कि ‘अगर यदि मेरे बस्तर से हटने पर माओवाद खत्म हो जाता है तो मैं 23 घंटे में बस्तर छोड़ दूंगा और कभी लौटकर भी नहीं आऊंगा।’ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल सीबीआई के हलफनामे के आधार पर कल्लूरी को जेल भेजने की मांग की है।
वहीं कल्लूरी ने कहा कि मीडिया में भ्रामक खबर आ रही है, सीबीआई द्वारा चार्जशीट व स्पेशल रिपोर्ट पेश की गई है, जिसे पढ़ने के बाद ही उस विषय में कुछ कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा, “हमारे अधिवक्ता से मिली जानकारी के अनुसार, आगजनी की घटना पुलिस कार्रवाई के दौरान होना बताया गया है, यह तथ्य एफआईआर में भी दर्ज है। ताड़मेटला, मोरपल्ली, तिम्मापुरम और दोरनापाल की घटना में आग फोर्स ने नहीं, बल्कि मुठभेड़ के दौरान गर्मी के चलते झोपड़ियों में आग लगी।”
कल्लूरी ने कहा कि आगजनी की घटना पुलिस द्वारा नहीं की गई। कार्रवाई के दौरान तीन पुलिस जवान भी शहीद हुए थे। यह वही क्षेत्र है जहां सीआरपीएफ के 76 जवानों को नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया था। घटना की जांच के लिए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का दबाव भी पुलिस पर था कई बार जांच के दौरान मुठभेड़ भी हुई।
कल्लूरी ने पत्रकारवार्ता में कहा, “25 मार्च 2011 को भी भीषण मुठभेड़ हुई, भारी गोलीबारी के बीच कुछ झोपड़ियों में आग लग गई होगी, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। यह आरोप सरासर गलत है कि फोर्स ने आग लगाई थी। सीबीआई जांच के समक्ष भी पुलिस ने अपना पक्ष रखा है। यदि कोई तथ्य शामिल नहीं किया जा सका है तो उसे हाईकोर्ट के न्यायायिक जांच आयोग के समक्ष पेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सीबीआई की जांच प्रक्रिया जारी है यह प्राथमिक स्तर पर है इसका लाभ लेने के लिए कुछ एनजीओ और राजनैतिक दल के नेताओं द्वारा मीडिया के मार्फत भ्रम फैलाया जा रहा है। इससे सुरक्षा बलों का मनोबल टूटा है।
कल्लूरी ने कहा कि नंदिनी सुंदर और स्वामी अग्निवेश भ्रम पैदा करना चाह रहे हैं, नंदिनी सुंदर ने पुलिस के विरोध में बयान देने के लिए ग्रामीणों को रिश्वत भी दी है, जिसके प्रमाण मौजूद हैं। समय आने पर न्यायालय में पेश किया जाएगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दलगत राजनीति से उपर उठकर नेताओं को देखना चाहिए, जिन नक्सलियों का पक्ष लेकर राजनेता बयानबाजी कर रहे हैं, उन्हीं के नेताओं की हत्या नक्सलियों ने झीरम घटना में की थी। (आईएएनएस/वीएनएस)
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