उज्जैन, 11 मई | मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में सामाजिक समरसता के रंग देखने को मिल रहे हैं। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने क्षिप्रा में सभी संतों (दलित संत भी शामिल) के साथ डुबकी लगाकर सहभोज किया, वहीं गुरुवार को मैला ढोने का काम छोड़ चुकीं महिलाएं पंडितों के साथ डुबकी लगाएंगी।
फोटोः सिंहस्थ में 9 मई, 2016 को हुए दूसरे शाही स्नान का दृश्य।
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापन डॉ. विंदेश्वर पाठक ने बुधवार आईएएनएस को बताया, “राजस्थान के अलवर और टोंक क्षेत्र में मैला ढोने का काम करने वाली 200 महिलाओं को इस काम से मुक्त कराने के साथ ही उनका कौशल विकास किया गया है। अब वे पापड़, अचार आदि बनाकर अपना भरण-पोषण कर रही हैं।”
उन्होंने कहा कि समाज में छुआछूत को खत्म करने के लिए उनके संगठन की ओर से प्रयास जारी हैं। उसी क्रम में कभी मैला ढोने के काम में लगी रही 200 महिलाएं 51 पंडितों के साथ पूरे विधि विधान से क्षिप्रा नदी में डुबकी लगाएंगी और उसके बाद महाकाल मंदिर में मत्था टेकेंगी। –आईएएनएस
Follow @JansamacharNews