लखनऊ, 22 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार की दूसरी वर्षगांठ भी उत्तर प्रदेश में ही मनाएंगे और ‘चीनी का कटोरा’ माने जाने वाले सहारनपुर से गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा दे सकते हैं, ताकि अगले वर्ष विधानसभा चुनाव में इसका ‘रिटर्न’ मिल सके। (21:09)
भाजपा सूत्रों के अनुसार, सहारनपुर की रैली में मोदी गन्ना किसानों के लिए केंद्र सरकार के अब तक उठाए गए कदमों का बखान करेंगे। इस रैली को पूरे प्रदेश में लाइव दिखाने की तैयारी है। इसके लिए पार्टी की सभी महानगर इकाइयों के अध्यक्षों को शहरों में बड़े-बड़े स्क्रीन लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
याद रहे कि केंद्र सरकार की पहली वर्षगांठ भी मोदी ने यूपी में ही मनाई थी, तब वह मथुरा के नगला चंद्रभान में दीनदयाल उपाध्याय की जन्मभूमि पर गए थे। यहीं से उन्होंने अंत्योदय की परिकल्पना को जोर-शोर से रखा था।
समझा जाता है कि प्रधानमंत्री की नजर पार्टी को यूपी की सत्ता तक पहुंचाने पर है, इस लिहाज से पश्चिमी यूपी को सबसे अनुकूल माना जा रहा है।
इस बीच भाजपा के अंदर राष्ट्रीय लोकदल से नजदीकियों की सुगबुगाहट तेज है, लेकिन आला कमान जाट मतदाताओं को रोकने के लिए अभी ‘कीमत’ चुकाने को तैयार नहीं है, ऐसे में भाजपा में रालोद के विलय की संभावना पर भी विराम लग सकता है।
लोकसभा के 2014 के चुनाव में भाजपा ने पश्चिमी यूपी की सभी सीटों पर कब्जा किया था। अब अगर भाजपा को यूपी में सत्ता की दहलीज तक पहुंचना है तो उसी प्रदर्शन को फिर दोहराना होगा। पार्टी के इस मिशन में जाट मतदाता अहम साबित हो सकते हैं। पार्टी पश्चिमी यूपी में दखल रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र व जाट नेता अजित सिंह को लेकर दुविधा में है।
सूत्रों का कहना है कि अजित सिंह भाजपा से गलबहिया को तैयार हैं, लेकिन उसकी ‘कीमत’ पार्टी फिलवक्त देने को तैयार नहीं है।
सूत्र बताते हैं कि चुनावी जंग से पहले मोदी की यूपी में पांच रैली कराने की योजना है। 26 मई को सहारनपुर की रैली पूरे यूपी में लाइव दिखाई जाएगी। फिर 13 जून को इलाहाबाद में प्रधानमंत्री की जनसभा होगी।
वैसे तो पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई विधानसभा क्षेत्र के नतीजे मुस्लिम मतदाता प्रभावित करते रहे हैं, लेकिन लोकसभा में रामपुर की सीट पर जीत के बाद से ‘भगवा बिग्रेड’ काफी उत्साहित है।(आईएएनएस/आईपीएन)
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