हेरात (अफगानिस्तान), 4 जून | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शनिवार को संयुक्त रूप से अफगान-भारत मैत्री बांध का उद्घाटन किया। यह बांध अफगानिस्तान में भारत के पुनर्निर्माण प्रयासों की एक अन्य बड़ी उपलब्धि है। इस बांध को सलमा बांध के नाम से जाना जाता है। इसका निर्माण भारतीय सहयोग से किया गया है।
गनी ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की मदद से अफगानिस्तान का 40 साल पुराना सपना साकार हुआ है।
उन्होंने कहा, “इस बांध के निर्माण में भारत के लोगों तथा सरकार के सहयोग से हेरात और भारत के प्राचीन संबंध एक बार फिर प्रगाढ़ हुए हैं।”
गनी ने कहा, “यह बांध सहयोग और समृद्धि का एक नया अध्याय शुरू करेगा। हमारे लोग भारत को सड़कों, बांधों और 200 से अधिक छोटी विकास परियोजनाओं से संबद्ध पाते हैं।”
इस बांध का निर्माण 1976 में किया गया था, लेकिन अफगानिस्तान में नागरिक युद्ध के दौरान इसे भारी क्षति पहुंची थी। इस बांध का निर्माण 1,500 भारतीय एवं अफगानी इंजीनियरों, तकनीशियों और अन्य पेशेवरों ने लगभग 1,700 करोड़ रुपये की लागत से किया है।
बांध पर लगे तीनों टर्बाइनों से 42 मेगावाट बिजली उत्पादित की जाएगी और इस पानी से लगभग 75,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी।
अफगान-भारत मैत्री बांध अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में चिश्त-ए-शरीफ नदी पर बनी एक ऐतिहासिक ढांचागत परियोजना है। –आईएएनएस
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