धनबाद, 18 जनवरी। सीपीआइएम के पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि मोदी सरकार अपना खजाना भरने में जुटी है। कच्चे तेल के मूल्य में गिरावट आने के बाद भी महंगाई कम नही हुई। मोदी सरकार ने 1 लाख 40 हजार करोड़ रूमये जनता से अर्जित किये, उसका हिसाब उन्हें देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हर प्रदेश विकास के लिए पैसा मांग रहा है पर केन्द्र सरकार खजाना खाली होने की बात कह रही है।
वृंदा करात सेंटर फॉर आदिवासी रिसर्च व डेवलपमेंट द्वारा आयोजित वर्कशॉप में हिस्सा लेने आयी है।
सिम्फर गेस्ट हाउस में पत्रकारो से बात करते हुए उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजना मनरेगा दम तोड़ रही है, पूरा देश सुखाड़ से ग्रस्त है। लेकिन सरकार के पास किसानों को राहत देने के लिए पैसे नहीं है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार गुजरात को मॉडल प्रदेश के रूप में विकसित होने की बात कहती है पर अब वहां के ग्रामीण भाजपा को नकार रहे हैं। स्थानीय निकायो के चुनाव में यह देखने को मिला है।
वृंदा करात ने कहा कि पूरे देश में कोयले का आउट सोर्सिंग समाप्त होना चाहिए। कोल बेल्ट के आसपास रह रहे लोग कोल माफिया और प्रदूषण से प्रभावित हैं।
पश्चिम बंगाल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने पांच वर्षों में बंगाल को बर्बादी की कगार पर खड़ा कर दिया है।
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