विशाखापत्तनम, 14 मार्च | एक पूर्व नौकरशाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश की है कि उत्तर प्रदेश में आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जाए और ना ही उन्हें कोई अन्य आधिकारिक पद सौंपा जाए। केंद्र सरकार में सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए ई. ए. एस. सरमा ने मंगलवार को मोदी को पत्र लिखकर अपील की कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिन विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज है, उन्हें मंत्री पद या कोई अन्य आधिकारिक पद नहीं दिया जाए।
उन्होंने चुनावों पर नजर रखने वाली गैरसरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जीत हासिल करने वाले भाजपा के 312 विधायकों में से 114 (37 फीसदी) दागी हैं और उन पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं।
इन दागियों में से 83 पर हत्या, हत्या की कोशिश और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे बेहद गंभीर अपराध के आरोप हैं।
सरमा ने लिखा, “हममें से कई आश्चर्य में हैं और चितित है कि भाजपा ने इन्हें पहले चुनाव लड़ने ही क्यों दिया क्योंकि पार्टी ने खुलकर संकल्प व्यक्त किया था कि वह राजनीति में अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ है।”
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा, “हालांकि, अब देर होने के बावजूद भाजपा चुनाव जीतने वाले दागी उम्मीदवारों, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं, से इस्तीफा मांगकर एक अच्छी मिसाल पेश कर सकती है। पार्टी को इनसे कहना चाहिए कि ये स्वेच्छा से सीटें छोड़ दें ताकि इन सीटों पर स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवारों को लड़ने का रास्ता साफ हो सके।”
सरमा चुनाव और लोकतांत्रिक सुधारों के लिए काम करते हैं। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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