इंदौर, 04 जनवरी। मध्यप्रदेश के श्रम, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अंतर सिंह आर्य की अध्यक्षता में सोमवार को रेसीडेंसी परिसर में श्रम विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता करते हुये आर्य ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश में पंजीकृत श्रमिकों को योजनाओं का अधिकाधिक लाभ मिलना चाहिये।
उन्होंने कहा कि राज्य शासन की ई-गवर्नेंस नीति के तहत श्रमिकों का ऑनलाइन पंजीयन जारी है। इसी प्रकार दुकान एवं स्थापना अधिनियम के तहत दुकानों के लायसेंस भी ऑनलाइन जारी किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि असंगठित श्रमिकों का दायरा बढ़ाया जायेगा, जिससे अधिकाधिक असंगठित श्रमिकों को शासन की विभिन्न योजनाओं का समय-सीमा में लाभ मिल सके। श्रम कल्याण सेवाओं को लोक सेवा गारंटी के दायरे में लिया गया है तथा श्रम कानूनों का सरलीकरण किया गया है और श्रमिकों के कल्याण के लिये राज्य शासन द्वारा अनेक योजनायें बनायी गयी हैं।
इस अवसर पर बैठक में श्रम आयुक्त के.सी.गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में श्रम कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये प्रयास जारी हैं। दुकान स्थापना, उद्योग और भवन निर्माण श्रमिकों के लिये राज्य शासन द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनायें बनायी गयी हैं। हितग्राहियों के ऑनलाइन आवेदन को समय-सीमा में निराकरण किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि श्रम विभाग के रिक्त पदों की राज्य शासन के निर्देशानुसार भर्ती की जाकर शीघ्र भरे जायें। सभी श्रमिकों के समग्र आईडी कार्ड जारी किये जा चुके हैं। कृषि श्रमिकों, ग्रामीण श्रमिकों, मनरेगा श्रमिकों और बीड़ी श्रमिकों को असंगठित श्रमिकों की श्रेणी में पंजीकृत कर लाभान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि श्रम विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्प लाइन के प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया जा रहा है। प्रदेश में श्रमिकों की स्थिति में सुधार आया है। दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों की मजदूरी भी बढ़ायी गयी है। इंदौर में राज्य शासन के निर्देशानुसार 18 एकड़ जमीन पर श्रमिक विद्यालय भवन के निर्माण के लिये लोक निर्माण विभाग द्वारा निविदा जारी कर दी गयी है। इसी प्रकार इंदौर के पीथमपुर रोड़ पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जाने की प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा नगरीय निकायों में श्रमिक प्रकोष्ठ खोला जायेगा। इसके लिये नगरीय निकायों को प्रशासकीय मद से कम्प्युटर और कम्प्युटर ऑपरेटर दिये जाने का प्रस्ताव है।
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