यमुना नदी में हरियाणा के 2–3 ड्रेन भी मिलते है। इन ड्रेन के ज़रिए सोनीपत, पानीपत और रोहतक इंडस्ट्रियल एरिया का दूषित पानी सीधे यमुना में मिलता है और जिस कारण कई मौक़ों पर यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ता है।
यह कहना है दिल्ली सरकार का।
वर्तमान में रिजर्वायर से वज़ीराबाद, चन्द्रावल और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को पंपिंग के ज़रिए भेजा जाता है लेकिन अमोनिया का स्तर बढ़ने के दौरान इन प्लांट्स को बंद करना पड़ता है क्योंकि ये प्लांट प्रति लीटर 0.8 मिली ग्राम अमोनिया को ट्रीट कर सकते है लेकिन हरियाणा के औद्योगिक प्रदूषण के कारण पानी में अमोनिया का स्तर कई गुणा बढ़ जाता है। और प्लांट इसे ट्रीट नहीं कर पाते है।
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने बुधवार, 01 नवंबर 2023 को दिल्ली जलबोर्ड के वज़ीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और रिजर्वायर का निरीक्षण किया और प्लांट की कार्यप्रणाली को समझा।
बता दे कि यह यमुना के भीतर ही पानी को संग्रहित करने का जलाशय है। जहां पानी के रोकने के कारण सिल्ट भी इकट्ठा होता है। साथ ही इस साल यमुना में आए अप्रत्याशित बाढ़ के कारण यहाँ सिल्ट की मात्रा काफ़ी बढ़ गई है।
अधिकारियों ने जल मंत्री को बताया कि, डीसिल्टिंग के लिए टेंडर की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। डिसिल्टिंग के पश्चात इस जलाशय की क्षमता कई करोड़ लीटर तक बढ़ जाएगी और इसका इस्तेमाल कम आपूर्ति वाले दिनों में पानी की कमी को दूर करने के लिए किया जा सकेगा।
दिल्ली सरकार वज़ीराबाद रिजर्वायर में अमोनिया का इन सीटू ट्रीटमेंट प्रणाली स्थापित करने की तैयारी में भी है। यहाँ रिजर्वायर में इन सीटू अमोनिया ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के बाद जलाशय में ही 5-6 मिलीग्राम प्रति लीटर तक के अमोनिया युक्त पानी की ट्रीट किया जा सकेगा और प्लांट्स को बंद नहीं करना पड़ेगा।
वज़ीराबाद में डब्ल्यूटीपी से उत्पन्न अपशिष्ट जल को पीने के पानी में बदलने के लिए 11 एमजीडी का रीसाइक्लिंग प्लांट है। यहाँ से सार हुए पानी की बुराड़ी इलाके में आपूर्ति की जाती है। साथ ही जल बोर्ड हैदरपुर और चंद्रावल डब्ल्यूटीपी में क्रमशः 16 एमजीडी और 9 एमजीडी के समान रीसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करने के लिए काम कर रहा है। इनके तैयार होने के बाद दिल्ली जलबोर्ड के दैनिक उत्पादन में 25 एमजीडी की बढ़ोतरी होगी।
वजीराबाद में वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला डब्ल्यूटीपी को पानी की आपूर्ति करने के लिए पंप हाउस भी है। इस साल आए अप्रत्याशित बाढ़ के दौरान ये पंप हाउस डूबने के कारण बंद हो गये थे लेकिन हाल ही में पम्पिंग सिस्टम को नई टेक्नोलॉजी के साथ अपग्रेड करने का काम किया जायेगा ताकि बाढ़ की स्थिति में भी पम्पों पर कोई प्रभाव न पड़े और दिल्ली वालों को साफ़ पानी मिलता रहे।
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