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प्रधानमंत्री 17 सितंबर को नई दिल्ली के द्वारका में ‘यशोभूमि’ कहे जाने वाले इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर का पहला चरण राष्ट्र को समर्पित करेंगे
लगभग 5400 करोड़ रुपये की लागत और 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक के कुल परियोजना क्षेत्र पर विकसित ‘यशोभूमि’ विश्व के सबसे बड़े एमआईसीई गंतव्य में से एक होगी।
यशोभूमि में एक भव्य कन्वेंशन सेंटर, कई प्रदर्शनी हॉल और अन्य सुविधाएं हैं और इसमें 11000 प्रतिनिधियों से अधिक की बैठने की क्षमता के साथ कन्वेंशन सेंटर में 15 सम्मेलन कक्ष, ग्रैंड बॉलरूम और 13 बैठक कक्ष शामिल हैं।
कन्वेंशन सेंटर देश के सबसे बड़े एलईडी मीडिया अग्रभाग से सुसज्जित है और बैठने की अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ कन्वेंशन सेंटर का प्लेनरी हॉल आगंतुकों को विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करेगा।
यशोभूमि दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन से जुड़ेगी।
प्रधानमंत्री द्वारका सेक्टर 21 से नए मेट्रो स्टेशन ‘यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25’ तक दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का भी उद्घाटन करेंगे।
8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक के कुल परियोजना क्षेत्र और 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ, ‘यशोभूमि’ दुनिया की सबसे बड़ी एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां) सुविधाओं में अपना स्थान बनाएगी।
कन्वेंशन सेंटर का पूर्ण हॉल लगभग 6,000 मेहमानों की बैठने की क्षमता से सुसज्जित है।
ऑडिटोरियम में सबसे नवीन स्वचालित बैठने की प्रणालियों में से एक है जो फर्श को एक सपाट फर्श या अलग-अलग बैठने की व्यवस्था के लिए ऑडिटोरियम शैली में बैठने में सक्षम बनाती है। सभागार में उपयोग किए गए लकड़ी के फर्श और ध्वनिक दीवार (एकुस्टिक वॉल) पैनल आगंतुक को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करेंगे।
अद्वितीय पंखुड़ी की छत वाला ग्रैंड बॉलरूम लगभग 2,500 मेहमानों की मेजबानी कर सकता है।
इसमें एक विस्तारित खुला क्षेत्र भी है जिसमें 500 लोग बैठ सकते हैं।
आठ मंजिलों में फैले 13 बैठक कक्षों में विभिन्न स्तरों की विभिन्न बैठकें आयोजित करने की परिकल्पना की गई है।
‘यशोभूमि’ में दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनी हॉलों में से एक है। 1.07 लाख वर्ग मीटर से अधिक में बने इन प्रदर्शनी हॉलों का उपयोग प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों और व्यावसायिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया जाएगा, और ये एक भव्य अग्रदीर्घा (फ़ोयर) स्थान से जुड़े हुए हैं, जिसे तांबे की छत के साथ विशिष्ट रूप से डिज़ाइन किया गया है जो विभिन्न स्काईलाइट के माध्यम से अंतरिक्ष में प्रकाश को फ़िल्टर करता है। फ़ोयर में मीडिया रूम, वीवीआईपी लाउंज, क्लोक सुविधाएं, आगंतुक सूचना केंद्र, टिकटिंग जैसे विभिन्न सहायता क्षेत्र होंगे।
‘यशोभूमि’ में सभी सार्वजनिक परिसंचरण क्षेत्रों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह सम्मेलन केंद्रों के बाहरी स्थान के साथ निरंतरता का बोध कराता है। यह टेराज़ो फर्श के रूप में भारतीय संस्कृति से प्रेरित सामग्रियों और वस्तुओं से बना है, जिसमें पीतल की जड़ाई रंगोली पैटर्न, सस्पेंडेड साउंड एव्जोरवेंट मेंटल सिलेंडर और रोशनी की पैटर्न वाली दीवारों का प्रतिनिधित्व करती है।
‘यशोभूमि’ स्थिरता के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित करती है क्योंकि यह 100 प्रतिशत अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग, वर्षा जल संचयन के प्रावधानों के साथ अत्याधुनिक अपशिष्ट जल उपचार प्रणाली से सुसज्जित है, और इसके परिसर को सीआईआई के भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) से प्लेटिनम प्रमाणन प्राप्त हुआ है।
‘यशोभूमि’ आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्च तकनीक सुरक्षा प्रावधानों से भी सुसज्जित है। 3,000 से अधिक कारों के लिए भूमिगत कार पार्किंग सुविधा भी 100 से अधिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉइंट से सुसज्जित है।
नए मेट्रो स्टेशन ‘यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25’ के उद्घाटन के साथ ‘यशोभूमि’ दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन से भी जुड़ जाएगी। नए मेट्रो स्टेशन में तीन सबवे होंगे – स्टेशन को प्रदर्शनी हॉल, कन्वेंशन सेंटर और सेंट्रल एरिना से जोड़ने वाला 735 मीटर लंबा सबवे; द्वारका एक्सप्रेसवे में प्रवेश/निकास को जोड़ने वाला दूसरा सबवे; जबकि तीसरा सबवे मेट्रो स्टेशन को ‘यशोभूमि’ के भविष्य के प्रदर्शनी हॉल के फ़ोयर से जोड़ता है।
दिल्ली मेट्रो एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर मेट्रो ट्रेनों की प्रचालन गति को भी 90 से बढ़ाकर 120 किमी/घंटा करेगी जिससे यात्रा का समय कम हो जाएगा। ‘नई दिल्ली’ से ‘यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25’ तक की कुल यात्रा में लगभग 21 मिनट लगेंगे।