नई दिल्ली, 15 अप्रैल (जनसमा)। भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह डीएफसी 15 अप्रैल को 97 वर्ष के हो गए।
भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह युवा भारतीय वायु सेना का युद्ध में नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय वायु सेना प्रमुख थे। वह वायु सेना के प्रमुख थे जब भारतीय वायु सेना ने 1965 में लड़ाई लड़ी। वह मुश्किल से 44 वर्ष के थे जब उन्हें भारतीय वायु सेना का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
फोटो : लेखक, निर्माता निर्देशक ब्रजेन्द्र रेही के टीवी कार्यक्रमों के उपराष्ट्रपति भवन में 2005 में आयोजित पुनरावलोकन कार्यक्रम में बाएं से दाएं सुविख्यात कार्टूनिस्ट स्व. सुधीर तैलंग, मार्शल आॅफ एयरफोर्स अर्जन सिंह तथा ब्रजेन्द्र रेही।
मार्शल ने अपने पूरे जीवन भर चार सरल सिद्धांतों में मजबूती से विश्वास किया है। पहला, व्यक्ति को अपने पेशे में सम्यक होना चाहिए, दूसरा, व्यक्ति को अपना काम इस प्रकार पूरा करना चाहिए जिससे सभी को संतुष्टि हो, तीसरा, व्यक्ति को अपने मातहतों में अव्यक्त विश्वास होना चाहिए तथा चौथा व्यक्ति के प्रयास ईमानदार एवं सच्चे होने चाहिए।
उनका विश्वास है कि अगर कोई इन चार सिद्धांतों का अनुपालन करता है तो वह कभी भी गलत नहीं हो सकता।
आईएएफ भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह को सैल्यूट करता है तथा उन्हें शुभकामनाएं प्रकट करता है, साथ ही इन तमाम वर्षों में दिशानिर्देश देने तथा प्रेरित करने के लिए आभार भी प्रकट करता है।
मार्शल का जन्म लयालपुर (अब पाकिस्तान के फैसलाबाद में) 15 अप्रैल 1919 को हुआ था और उन्होंने अपनी पढ़ाई मोंटेगोमरी (अब पाकिस्तान के साहिवाल में) में पूरी की। 19 वर्ष की उम्र में उन्हें आरएएफ क्रैनवेल में एम्पायर पायलट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के लिए चुन लिया गया था।
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