यूनीटेक फ्लैट खरीदारों को धन लौटाए : सर्वोच्च न्यायालय

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर | सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को रियल एस्टेट कंपनी यूनीटेक को निर्देश दिया कि वह गुड़गांव परियोजना में अपार्टमेंट बुक कराने वाले उन 39 खरीदारों की मूल राशि लौटाए जिन्हें आज सात साल बाद भी उनका घर नहीं मिल सका है। यूनीटेक को मूल राशि लौटाने का निर्देश देते हुए न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव राय और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की खंडपीठ ने कहा कि ब्याज के सवाल और फ्लैट का कब्जा देने की विफलता के लिए मुआवजे पर विचार अगले साल 11 जनवरी के दूसरे हफ्ते में सुनवाई में किया जाएगा।

कुल मूल राशि जो 39 खरीदारों को लौटाई जानी है, वह 16,55,00,525 रुपये है।

पीठ ने यूनीटेक से 2 करोड़ रुपये अपनी रजिस्ट्री में जमा करने को कहा। अदालत के पहले आदेश के तहत यूनीटेक पहले ही 15 करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा करा चुका है।

आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि रोम का निर्माण एक दिन में नहीं हुआ था और किसी भी अर्थव्यवस्था की नींव ‘विश्वास’ है जो एक खरीदार और विक्रेता के बीच होता है।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, “प्रापर्टी डेवलपर की अपनी एक संविदात्मक प्रतिबद्धता होती है। संविदा की शर्तो को पूरा करें और लोगों का विश्वास पाएं जो अपने घरों के सपने को पूरा करने के लिए विश्वास करते हैं। अर्थव्यस्था की नींव विश्वास होती है। विश्वास खो दिया तो सब कुछ खो दिया।”

अदालत ने बाद में एक दूसरे रियल एस्टेट कंपनी के मामले की सुनवाई करते हुए कहा, “एक मरीज व्यक्ति के क्रोध से होशियार रहिए। फ्लैट खरीदारों ने अपना धैर्य खो दिया है।”

अदालत का यह आदेश तब आया है जब फ्लैट खरीदारों ने यूनीटेक की वह पेशकश अस्वीकार कर दी जिसमें उसने कहा था कि वह अप्रैल में अपने तीन आवसीय टावरों के तैयार होने के बाद अदालत में दिए गए समय के अनुसार में घर का कब्जा दे दिया जाएगा।

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि रियल एस्टेट कंपनी घर देने के इस प्रस्ताव पर अमल के लिए लिख कर देने को तैयार है। इस पर फ्लैट मालिकों ने कहा कि यूनीटेक ने इस तरह का तयशुदा कार्यक्रम बीते समय में भी किया था, लेकिन कभी भी उसका सम्मान नहीं किया।

अदालत ने खरीदारों के दुख का उल्लेख किया। उसने बताया कि खरीदारों ने उससे कहा कि सारी राशि के भुगतान के बाद भी उनके सिर पर एक छत नहीं है और वे किराए के घरों में रह रहे हैं।

–आईएएनएस