शिमला, 29 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तुत आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि केन्द्रीय बजट में आयकर स्लैब में वृद्धि न करने से कर्मचारियों के चेहरे फीके पड़ गए हैं। कर्मचारी आयकर में छूट के लिए बड़ी बेसब्री से इन्तजार में थे और आयकर स्लैब में बढौतरी न करने से उनका यह सपना अधूरा रह गया। इसके अतिरिक्त, 20,000 करोड़ रुपये के नए करों से निश्चित तौर पर आम आदमी पर बोझ पड़ेगा तथा कीमतों में वृद्धि होगी और मुद्रास्फीति बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त मंत्री ने आंकड़ों का जाल प्रस्तुत किया है, जो सभी आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट ने धुंधली तस्वीर प्रस्तुत की है, जो आर्थिक दृष्टि से नुकसानदायी है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों एवं योजनाओं में की गई आंशिक बढ़ौतरी पर्याप्त नहीं है और पूर्व में यूपीए सरकार की पहले से ही क्रियान्वित नीतियों की छायाप्रति है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि गरीबी की रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को बजट में गैस कनैक्शन देने की घोषणा हिमाचल प्रदेश में पहले से ही विद्यमान है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट में नया कुछ भी नहीं है और पूर्व की यूपीए सरकार के कार्यक्रमों को दोहराने वाला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि, मनरेगा के अन्तर्गत ग्रामीण रोज़गार के लिए धनराशि का प्रावधान स्वागत योग्य है। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदम ग्रामीण बस्तियों को सम्पर्क सड़कों से जोड़ने में मद्दगार होंगे, लेकिन इसका अभी धरातल पर आना शेष है।
उन्होंने कहा कि त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अन्तर्गत आंशिक बढ़ौतरी गई की है, जिस पर और अधिक बल दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान की दिशा में पहल स्वागत योग्य कदम है।
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