रांची, 19 फरवरी (जनसमा)। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2016-17 का बजट पेश किया। इसमें विधायकों के स्थानीय क्षेत्र विकास कोष की धनराशि तीन करोड से बढ़ाकर चार करोड रूपये प्रति वर्ष करने का प्रस्ताव है।
बजट में योजना व्यय को 36 हजार 498 करोड़ से बढ़ाकर 37 हजार 65 करोड रूपये और गैर योजना व्यय को 25 हजार 754 करोड़ से बढ़ाकर 26 हजार 437 करोड रूपये करने का प्रस्ताव है। इसमें राजकोषीय घाटा मौजूदा दो दशमलव दो आठ प्रतिशत से कम कर दो दशमलव एक छह प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।
अपने बजट भाषण में मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा, ‘‘आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट की विशेषताओं का उल्लेख करने के पूर्व मैं यह कहना चाहूँगा कि आम तौर पर बजट भाषण में वित्त मंत्री कई घोषणाएं करते हैं। विगत बजट भाषण में मैंने भी कई घोषणाएं की थीं। मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि राज्य में पहली बार बजट भाषण की घोषणाओं का कृत कार्रवाई प्रतिवेदन (ATR) सदन में प्रस्तुत किया जा रहा है। राज्य सरकार के सतत् अनुश्रवण के फलस्वरूप तत्समय की गईं कुल 173 घोषणाओं में 109 पूर्ण हो चुकीं हैं तथा शेष 64 के कार्यान्वयन की प्रक्रिया चल रही है। यह राज्य की जनता के प्रति हमारी सरकार के उत्तरदायित्व का द्योतक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बजट में प्रावधानित सकल राशि को यदि प्रक्षेत्र के दृष्टिकोण से देखा जाएगा तो सामान्य प्रक्षेत्र के लिए 17,142.66 करोड़ रुपये, सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 23,016.59 करोड़ रुपये तथा आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 23,343.44 करोड़ रुपये उपबंधित किए गए है।’’
रघुबर दास ने बजट में प्रावधानित राशि के लिए निधि की व्यवस्था पर कहा कि राज्य को अपने कर-राजस्व से करीब 17,050 करोड़ रुपये तथा गैर कर-राजस्व से करीब 8,425.76 करोड़ रुपये, केन्द्रीय सहायता से करीब 11,802 करोड़ रुपये, केन्द्रीय करों में राज्यांश से करीब 18,478.66 करोड़ रुपये, लोक ऋण से करीब 7,700 करोड़ रुपये तथा उधार एवं अग्रिम की वसूली से करीब 46.27 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।
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