गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का छत्तीसगढ़ की जनता के नाम संदेश:
आदरणीय बुजुर्गजनों, प्यारे भाइयों, बहनों, युवाओं और दुलारे बच्चों, आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई और कोटिशः शुभकामनाएं।
आज ही के दिन, 26 जनवरी 1950 को भारतवर्ष को अपने नए संविधान के अनुरूप चलने का गौरव मिला था। इस महान राष्ट्रीय त्यौहार के दिन मैं माननीय संविधान निर्माताओं तथा भारत के विकास-रथ को लगातार आगे बढ़ाने वाली सभी विभूतियों को नमन करता हूं। देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने वाले सभी शहीदों को सलाम करता हूं।
गणतंत्र का मतलब ही आम जनता का तंत्र है। मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व होता है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ राज्य का गठन कर प्रदेश की जनता को अपने सपने पूरे करने की शक्ति दी थी। अब हमारे प्रदेश को विकास की बुलंदियों पर पहुंचने का सुनहरा अवसर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में मिल रहा है। हमारा प्रयास है कि छत्तीसगढ़ के विकास की सम्पूर्ण संभावनाएं आकार लें और विकास की प्रक्रिया में आम जनता की भागीदारी हो।
भाइयों और बहनों, विगत 12 वर्षों में पहली बार छत्तीसगढ़ में इतने बड़े सूखे का प्रकोप हुआ कि 117 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित करना पड़ा। मैं और मेरी सरकार हर सुख-दुख में किसानों के साथ हैं। मैंने किसान भाइयों से अपील की थी कि धीरज और साहस बनाए रखें, हम हर संभव राहत के उपाय कर रहे हैं। आज मुझे यह कहते हुए संतोष हो रहा है कि किसान भाई-बहनों की हिम्मत और जज्बे के साथ हम सूखे की विकट परिस्थिति का सामना कर पाए।
हमने सूखा राहत के लिए इतिहास में पहली बार बहुत से उपाय किए हैं, जैसे- राजस्व पुस्तक परिपत्र में प्राकृतिक आपदाओं की सूची में सूखे को भी शामिल किया गया है, जिसके तहत 33 प्रतिशत से ज्यादा हानि वाले असिंचित क्षेत्र के किसानों को 6 हजार 8 सौ रू. प्रति हेक्टेयर तथा सिंचित क्षेत्र वाले किसानों को 13 हजार रू. प्रति हेक्टेयर की राहत दी जा रही है।
भू-राजस्व एवं सिंचाई उपकर की माफी, कृषि ऋण माफी, निःशुल्क एक क्विंटल धान बीज प्रदाय, निःशुल्क विद्युत आपूर्ति की सीमा 9 हजार यूनिट तक करना, विशेष डीजल अनुदान, मनरेगा के तहत रोजगार के दिनों को 150 से बढ़ाकर 200 करना, चारों प्राधिकरणों यथा- सरगुजा, बस्तर, अनुसूचित जाति, ग्रामीण क्षेत्र विकास प्राधिकरण मद से असाध्य सिंचाई पम्पों को बिजली कनेक्शन के लिए अतिरिक्त राशि का भुगतान करने जैसी अनेक व्यवस्थाएं की गई हैं।
सूखा पीड़ित किसान भाइयों की बेटियों के विवाह के लिए ‘मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना’ के तहत दी जाने वाली राशि 15 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रू. कर दी गई है। इस तरह लगभग दो हजार करोड़ रू. की राहत सूखाग्रस्त किसान परिवारों को प्रदान की जा रही है।
संकट के इस दौर में, भारत सरकार ने ‘प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना’ की घोषणा करते हुए जो राहत की बरसात की है, उससे किसान परिवारों में सुरक्षा और विश्वास की नई ऊर्जा का संचार हुआ है। इतिहास में सबसे कम प्रीमियम पर सबसे ज्यादा लाभ दिलाने वाली इस योजना में अनेक नई सुविधाएं पहली बार शामिल की गई हैं, जैसे- फसल के पूर्ण मूल्य का बीमा होगा। बीमा पर कोई कैपिंग नहीं होने से दावा राशि में कमी या कटौती भी नहीं होगी।
पहली बार जल भराव, फसल कटाई के बाद चक्रवात एवं बेमौसम बारिश को भी जोखिम में शामिल किया गया है। नुकसान के सही आकलन और शीघ्र भुगतान के लिए ‘मोबाइल’ और ‘सेटेलाइट टेक्नालॉजी’ का व्यापक उपयोग किया जाएगा। पूरे देश में एक तरह की फसलों के लिए एक तरह के नियम और दरों में समानता से योजना काफी सरलता से समझ में आएगी। इस क्रान्तिकारी पहल का मैं स्वागत करता हूं और किसान भाइयों से अनुरोध करता हूं कि इस योजना का भरपूर लाभ उठाएं।
किसानों की समस्याओं के दूरगामी समाधान के तहत राज्य में सिंचाई क्षमता बढ़ाने का अभियान जारी है। विगत 12 वर्षों में सिंचाई क्षमता लगभग 10 प्रतिशत बढ़ाकर 34 प्रतिशत से अधिक कर दी गई है। विभिन्न आकारों की सिंचाई परियोजनाओं के साथ ही बड़े पैमाने पर एनीकट का निर्माण किया गया है, जो भूमिगत जल भण्डार को समृद्ध करेंगे। अरपा भैंसाझार जैसी वृहद परियोजना सहित विभिन्न कार्यों को जल्द पूर्ण करने पर ध्यान दिया जा रहा है। आगामी 3 वर्षों में प्रतिवर्ष 80 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता निर्मित की जाएगी।
भाइयों और बहनों, मैं जनता के प्रथम सेवक के रूप में विगत 12 वर्षों में प्रदेश के चप्पे-चप्पे में पहुंचा हूं। प्रदेश की अधिकांश जनता से रू-ब-रू हो चुका हूं। मैंने पाया कि आप लोगों में विकास की योजनाओं और अवसरों से जुड़ने की दृढ़ इच्छाशक्ति है। राज्य की सबसे बड़ी जरूरत सम्पर्क के सारे साधनों का अधिकाधिक विकास है। इस तरह हमने ‘सम्पर्क-क्रान्ति’ के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाई है, जिसके तहत सड़क, रेलवे, बिजली, टेलीकॉम अधोसंरचना विकास पर आगामी 3 वर्षों में 60 हजार करोड़ रू. का सार्वजनिक तथा निजी निवेश किया जाएगा।
10 हजार किलोमीटर सड़कों पर लगभग 35 हजार करोड़ रू., 546 किलोमीटर की तीन रेल परियोजनाओं पर लगभग 11 हजार करोड़ रू., विद्युत पारेषण एवं वितरण पर लगभग 6 हजार करोड़ रू. का निवेश होगा। राज्य के उत्तरी क्षेत्र में खरसिया-धरमजयगढ़- कोरबा तथा गेवरा-पेण्ड्रारोड रेल नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इसी तरह बस्तर में दल्लीराजहरा-जगदलपुर रेलवे नेटवर्क स्थापित होने से, राज्य के इन दोनों बड़े अंचलों में यात्री तथा माल परिवहन की बड़ी सुविधा मिलेगी।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 146 मोबाइल टॉवर स्थापित करने का लक्ष्य जल्दी पूरा हो जाएगा क्योंकि 143 टॉवर स्थापित हो चुके हैं, जिनमें से 122 ने काम करना भी शुरू कर दिया है। सम्पर्क क्रान्ति से उन क्षेत्रों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा, जो ऐतिहासिक कारणों से कहीं पीछे छूट गए थे। इस प्रकार पूरे प्रदेश को एक सूत्र में जोड़ा जा सकेगा।
सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरूबाबा घासीदास की जन्म और कर्मस्थली गिरौदपुरी धाम में गगनचुंबी जैतखाम के लोकार्पण से हमारा एक बड़ा संकल्प पूरा हुआ है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्गों के उत्थान के लिए बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं। इनके रहवासी क्षेत्रों में अधोसंरचना तथा शिक्षा के विकास को मूलमंत्र बनाया गया है। आदिवासी विकासखण्डों में 5 सौ सीटर, 15 नए छात्रावासों के निर्माण को मंजूरी दी गई है।
अनुसूचित जाति के लिए जांजगीर में नया कन्या क्रीड़ा परिसर बनाया जा रहा है। विभिन्न योजनाओं के कारण इन वर्गों में शिक्षा के प्रति ललक बढ़ी है और युवाओं को रोजगार के बड़े अवसरों से जुड़ने का अवसर मिला है। हमने विशेष पिछड़ी जनजातियों के समेकित विकास हेतु ‘मुख्यमंत्री ग्यारह सूत्रीय कार्यक्रम’ शुरू किया है।
लघु वनोपजों के कारोबार का लाभ आदिवासियों, वनवासियों को दिलाने हेतु नए-नए उपाय किए जा रहे हैं ताकि उन्हें मेहनत का सही मोल और बिचौलियों से सुरक्षा मिले। विगत एक वर्ष में तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए 156 करोड़ रू. पारिश्रमिक वितरित किया गया। साथ ही लाख, महुआ बीज, इमली, चिरौंजी को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय योजना मेें शामिल करते हुए इससे 54 करोड़ रू. वनवासियों को वितरित किए गए।
हमने एक और बड़ा निर्णय लिया है कि संरक्षित क्षेत्रों में निवासरत लगभग 25 हजार आदिवासी परिवारों द्वारा तेन्दूपत्ता संग्रहण न करने की स्थिति में प्रत्येक परिवार को इस वर्ष 2 हजार रू. की राशि कैम्पा निधि से दी जाएगी।
मेरा मानना है कि मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन कुपोषण है, क्योंकि यह हमारी नई पीढ़ी की सेहत को ही खोखला कर देता है और उनका शारीरिक तथा मानसिक विकास रोकता है। इसलिए राज्य में कुपोषण के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ी गई है। मुझे खुशी है कि विगत दस वर्षों में हमने कुपोषण की दर 52 प्रतिशत से घटाकर 32 प्रतिशत पर ला दी है और अब एक वर्ष में 25 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है।
‘आंगनवाड़ी गुणवत्ता उन्नयन अभियान’ शुरू किया गया है, जिससे हमारे प्रयास सीधे 26 लाख हितग्राहियों तक पहुंचें। ‘बाल मित्र’ और ‘आंगनवाड़ी मित्र’ बनने में प्रदेश के जागरूक नागरिकों की रूचि से मुझे यह विश्वास हो गया है कि हम लक्ष्य जरूर हासिल करेंगे।
सबको शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्रामीण बसाहटों में हैण्डपंपों, नल-जल योजनाओं, स्थल जल योजनाओं, सोलर ड्यूअल पम्पों आदि से व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 54 हजार शालाओं तथा 28 हजार आंगनवाड़ियों में भी पेयजल की व्यवस्था पूरी कर दी गई है। फ्लोराइड प्रभावित 78 बसाहटों को इस वर्ष समस्यामुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा के लोकव्यापीकरण का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है और अब माध्यमिक शिक्षा का लोकव्यापीकरण किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि शिक्षा सिर्फ नाम के लिए न हो, बल्कि अपनी गुणवत्ता के कारण भविष्य निर्माण का जरिया बने। इसके लिए ‘डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ प्रारम्भ कर जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को इससे जोड़ा गया है, जिनके निरीक्षण और सुझाव से सुधार कार्य किए जाएंगे।
उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के साथ रोजगारपरकता पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। विगत एक वर्ष में शासकीय आवासीय आदर्श महाविद्यालय रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कांकेर एवं जगदलपुर में प्रारम्भ किए गए हैं। नया रायपुर में ट्रिपल-आईटी प्रारम्भ हो गया है। भिलाई में आईआईटी की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। ‘युवा क्षमता विकास योजना’ प्रारंभ की गई है, जिसके माध्यम से परीक्षा शुल्क और ब्याज दर में छूट के अनेक प्रावधान किए गए हैं। सभी जिलों में लाइवलीहुड कॉलेज शुरू कर दिए गए हैं, जो देश में आदर्श बन गए हैं। सभी विकासखण्डों में कम से कम एक आईटीआई खोलने का लक्ष्य है।
प्रदेश में युवाओं के उत्साहवर्धन के लिए राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों का दौर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है। अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिताओं के बाद हॉकी तथा टेनिस के विश्व स्तरीय मैच भी छत्तीसगढ़ में आयोजित किए गए हैं। इसी माह आयोजित ‘राष्ट्रीय युवा उत्सव’ की सफलता की चर्चा पूरे देश में हुई। भारत की जूनियर क्रिकेट टीम में भिलाई के अमनदीप का शामिल होना, हमारे नए खेल सितारों की नई चमक का शुभ संकेत है। राजनांदगांव में ‘नाचा केन्द्र’ तथा खैरागढ़ में ‘कत्थक केन्द्र’ की स्थापना की जा रही है।
युवाओं को सरकारी सेवाओं में चयन का ज्यादा अवसर देने के लिए सीधी भर्ती के पदों पर आयु सीमा 35 से बढ़ाकर 40 कर दी गई है, जो 31 दिसम्बर 2016 तक प्रभावशील रहेगी। विभागों में सीधी भर्ती के तृतीय श्रेणी के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों का निराकरण करने के लिए स्वीकृत कुल पदों के 10 प्रतिशत पदों का सीमा बन्धन भी एक वर्ष के लिए शिथिल किया गया है।
तृतीय श्रेणी (गैर कार्यपालिक) व चतुर्थ श्रेणी के सभी पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार समाप्त किया गया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण हेतु छत्तीसगढ़ ‘लोक सेवा अधिनियम 1994’ के अंतर्गत भर्तियों में आरक्षण संबंधी उपबंधों पर अमल सुनिश्चित करने के लिए ‘आरक्षण प्रकोष्ठ’ का गठन किया गया है।
प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोत्तरी का अभियान जारी है। इस वर्ष जगदलपुर चिकित्सा महाविद्यालय में क्षेत्रीय वायरोलॉजी प्रयोगशाला स्थापित की गई है। रायपुर मेें सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एवं संस्थान की स्थापना दाऊ कल्याण सिंह चिकित्सालय भवन में की जा रही है। ‘स्वस्थ छत्तीसगढ़’ बनाने के लिए बच्चों तथा महिलाओं की स्वास्थ्य सुविधाओं में विशेष बढ़ोत्तरी की गई है। ‘चिरायु अभियान’ में 78 लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण और 9 लाख बच्चों का उपचार किया गया है। प्रसव के दौरान प्रसूता के पास एक निकट संबंधी की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए ‘जन्म सहयोगी कार्यक्रम’ शुरू किया जा रहा है। इससे शासकीय अमले की जवाबदेही बढ़ेगी और मातृ-मृत्यु दर में कमी आएगी।
राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्राप्त 566 करोड़ रू. की राशि सीधे ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दी गई है। ‘मिशन अन्त्योदय’ के अन्तर्गत इस वर्ष प्रत्येक ग्राम पंचायत में वार्षिक योजना निर्माण का कार्य ‘गहन सहभागी नियोजन अभ्यास’ के अन्तर्गत किया जा रहा है। ‘हमर गांव हमर योजना’ के तहत ग्राम पंचायतों को अपना भाग्य विधाता बनाने की प्रक्रिया अपनाई गई है ताकि वे स्वयं के स्रोत, उन्हें प्राप्त सहायता अनुदान तथा उपलब्ध संसाधनों के आधार पर अपनी योजना स्वयं बना सकें।
‘मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना’, ‘मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना’, ‘मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना’ जैसी अभिनव पहल व ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ आदि से ग्रामीण अधोसंरचना के विकास में तेजी आई है। प्रदेश के 12 सौ से अधिक गांव खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। वहीं लगभग 5 हजार गांवों को इस वर्ष खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य है।
‘नया रायपुर’ को देश का सर्वप्रथम स्मार्ट शहर बनाने से प्रदेश में नगरीय विकास और आवासीय गतिविधियों के नए मापदण्ड स्थापित हुए हैं। विभिन्न शहरों में नियोजित विकास, सार्वजनिक परिवहन एवं सार्वजनिक जनसुविधाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे पूरे प्रदेश में नगरीय विकास की नई चमक दिख रही है। रायपुर और बिलासपुर को ‘स्मार्ट सिटी’ बनाने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं। साथ ही भिलाई तथा राजनांदगांव का विकास भी ‘स्मार्ट सिटी’ के रूप में किया जाएगा। ‘अमृत मिशन’ के अन्तर्गत एक लाख से अधिक आबादी वाले 9 शहरों में अधोसंरचना का विकास किया जाएगा।
मैं आज आपको यह खुशखबरी देना चाहता हूं कि खनिज प्रधान राज्य का लाभ अब सभी जिलों को मिलेगा, जिसके लिए ‘डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट’ का गठन किया जाएगा। स्वीकृत खनिपट्टेधारियों द्वारा रायल्टी के अतिरिक्त 30 प्रतिशत राशि इन न्यासों में जमा कराई जाएगी, जो कि 900 करोड़ से भी अधिक होगी। जिलों को प्राप्त इस राशि से खनन संक्रियाओं से प्रभावित क्षेत्रों में भौतिक तथा सामाजिक अधोसंरचनाओं का विकास किया जाएगा।
आप सबके सहयोग से छत्तीसगढ़ में विकास का सकारात्मक वातावरण बना है। आजकल विश्व स्तर पर इस बात का सर्वेक्षण होता है कि कोई राज्य या देश ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ के मापदण्डों पर कहां खड़ा है। ये कसौटियां ही राज्य में निवेश का आकर्षण होती हैं। ‘ईओडीबी’ में विश्व बैंक ने छत्तीसगढ़ को देश में चौथा स्थान दिया है। श्रम कानून और सुधारों के क्षेत्र में राज्य द्वितीय स्थान पर है। इस वातावरण का लाभ भी स्पष्ट दिख रहा है।
राज्य में नई औद्योगिक सम्भावनाओं के तहत रक्षा उत्पाद विनिर्माण, कोयले से यूरिया निर्माण, नेचुरल गैस एवं सल्फर संयंत्र, बस्तर में मेगा स्टील प्लांट, पैलेट प्लांट, स्लरी पाइपलाइन परियोजनाओं पर बहुत बड़े पैमाने में निवेश के लिए एम.ओ.यू. किए गए हैं। ‘छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य प्रसंस्करण मिशन’ शुरू किया गया है, जिससे दूध प्रसंस्करण, आइसक्रीम, बेकरी, दाल मिल आदि की स्थापना में तेजी आएगी। नया रायपुर में आईटी और इलेक्ट्रानिक मेन्युफेक्चरिंग पार्क, भिलाई में इंजीनयरिंग पार्क, धमतरी में मेगा फूड पार्क, रायपुर में मेटल पार्क, राजनांदगांव में प्लास्टिक पार्क का विकास किया जाएगा। इन प्रयासों से ‘मेक इन इंडिया’ की तर्ज पर प्रारंभ किए गए हमारे अभियान ‘मेक इन छत्तीसगढ़’ को गति मिल रही है।
भाइयों और बहनों, राज्य में ‘लोक सेवा केन्द्रों’ के माध्यम से जनसुविधाओं को ‘ऑनलाइन’ उपलब्ध कराने का अभियान छेड़ा गया है, जो प्रशासनिक जवाबदेही, पारदर्शिता तथा जनहित का बड़ा काम है। हम चाहते हैं कि जनता को अपने घर के पास ही आवश्यक शासकीय दस्तावेज इन केन्द्रों के माध्यम से मिल सकें। ‘जनदर्शन’, गांवों का दौरा जैसे प्रयासों से मैं निरंतर आपके संपर्क में रहता हूं। मुझे खुशी है कि आप लोग अपने रेडियो, ट्रांजिस्टर, टी.वी. सेट आदि के द्वारा मुझे ‘रमन के गोठ’ कार्यक्रम में सुन रहे हैं। इससे मेरे और आपके बीच एक सीधा रिश्ता बन गया है। आपके पत्रों और सुझावों के आधार पर आदिवासी भाई-बहनों से सहज संवाद के लिए ‘हल्बी’ एवं ‘सरगुजिहा’ बोली में भी संवाद शुरू किया गया है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्राथमिकताओं वाली विभिन्न योजनाओं तथा अभियानों ने हर वर्ग को नई उम्मीदों और नए जोश से भर दिया है। ‘स्वच्छ भारत’, ‘प्रधानमंत्री जन-धन योजना’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’, ‘कौशल उन्नयन योजना’, ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’, ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’, ‘अटल पेंशन योजना’, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ आदि में छत्तीसगढ़ का योगदान उत्साहवर्धक है, लेकिन इसमें लगातार बढ़ोत्तरी की जरूरत है, जो आप सबके सहयोग से ही सम्भव है। ‘डिजिटल इंडिया’ में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर रहा है। छत्तीसगढ़ में हमने नई ‘इनोवेशन पॉलिसी’ जारी कर दी है। राष्ट्रीय स्तर पर ‘स्टार्टअप इंडिया’ की नई पहल से युवाओं को नवउद्यम स्थापित करने के लिए अभूतपूर्व सुविधाएं मिलेंगी।
भारत की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सबसे बड़ी लड़ाई हमारे बस्तर अंचल के अंदरुनी क्षेत्रों में लड़ी जा रही है। इसमें सुरक्षा बलों के साथ स्थानीय निवासियों के धैर्य, साहस, समर्पण और सूझबूझ का अनुपम योगदान है। सुरक्षा और विकास का समन्वित प्रयास हमारी रणनीति रही है। मुझे विश्वास है कि अब वह दिन करीब है जब नक्सलवाद की समाप्ति के साथ ही, देश की आंतरिक सुरक्षा की सबसे बड़ी चुनौती का भी अंत होगा और ‘सबके साथ-सबका विकास’ सुनिश्चित होगा। आप सबको समृद्धि और खुशहाली के नए शिखरों पर पहुंचने के लिए अनन्त शुभकामनाएं।
प्रदेश में कुपोषण की स्थिति से निपटने के लिए अब हमने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश की समस्त 50,311 आंगनबाड़ियों में सप्ताह में एक दिन राज्य दुग्ध महासंघ द्वारा उत्पादित देवभोग ब्रॉड का अल्ट्रा हाई टेंपरेचर सुगंधित, रंगीन,मीठा दूध बच्चों को खाद्यान के साथ अतिरिक्त प्रदाय किया जाएगा। इस पर प्रतिवर्ष 30 करोड़ रूपए का अतिरिक्त व्यय राज्य शासन पर आएगा। किंतु मेरा मानना है कि कुपोषण को दूर करने की दिशा में यह एक छोटा सा किंतु सार्थक कदम है। यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो आगे हम इसमें और बढ़ोतरी करेंगे।
छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड ने हाल ही में निर्णय लिया था कि, उनके समस्त श्रेणी के बने-बनाये आवासों को, यदि कोई शासकीय कर्मचारी खरीदता है, तो उसे 10 प्रतिशत राशि की छूट प्रदान की जाएगी। राज्य शासन ने अब यह निर्णय लिया है कि 10 प्रतिशत की यह छूट प्रदेश के हर व्यक्ति को उपलब्ध कराई जाएगी। इससे हमारे प्रधानमंत्री जी के सबको आवास प्रदाय कराने की योजना को बढ़ावा भी मिलेगा।
जय हिन्द। जय छत्तीसगढ़।
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