रायपुर, 27 जनवरी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर मंगलवार रात राजधानी रायपुर के महंत घासीदास संग्रहालय परिसर में पारम्परिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन आस्वाद केन्द्र ‘गढ़कलेवा’ का शुभारंभ किया। इस केन्द्र में लोगों को ग्रामीण परिवेश में छत्तीसगढ़ की लगभग 36 प्रकार की व्यंजनों का एक साथ स्वाद लेने का अवसर मिलेगा।
यह केन्द्र सप्ताह के सभी दिनों में आम जनता के लिए खुला रहेगा। शुभारंभ के इस अवसर पर विधानसभा के अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, संस्कृति मंत्री दयालदास बघेल, कृषि मंत्री बृजमोहन अ्ग्रवाल, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष छगन मूंदड़ा और मुख्य सचिव विवेक ढांड विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ी व्यंजन हमारी ग्रामीण संस्कृति के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। महानगरीय संस्कृति और आपाधापी के इस दौर में इनका संरक्षण अैार प्रचार-प्रसार जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि ‘गढ़कलेवा’ का यह केन्द्र इस कार्य में बहुत उपयोगी साबित होगा।
डॉ. सिंह ने राजधानी रायपुर में इस केन्द्र की स्थापना के लिए संस्कृति मंत्री दयालदास बघेल और विभागीय अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
संस्कृति विभाग के सचालक डॉ. राकेश चतुर्वेदी ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की पारम्परिक व्यंजन के अंतर्गत जलपान के अलावा गीली मिठाई और सूखी मिठाई भी उपलब्ध रहेगी।
जलपान समूह के अंतर्गत केन्द्र में चीला, फरा, मुठिया, धुसका, चाउर रोटी अंगाकर, चाउर रोटी पातर, बफौरी, नमकीन देहरउरी, हथफोड़वा, बरा उरीद और बरा मूंग उपलब्ध रहेगी। इसी तरह गीली मिठाई में बबरा, देहरउरी, मालपुआ, दूधफरा, अईरसा तथा सूखी मिठाई के अंतर्गत ठेठरी, खुरमी, बिड़िया, पिड़िया, पपची और पूरन लाडू मिलेगा।
संस्कृति विभाग के विशेष सचिव संतोष मिश्रा, संभागीय कमिश्नर अशोक अग्रवाल तथा कलेक्टर ठाकुर राम सिंह भी इस मौके पर उपस्थित थे।
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