रायपुर, 04 मई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बुधवार सवेरे राजधानी रायपुर के नजदीक मंदिर हसौद में ‘जल दान उत्सव’ का शुभारंभ किया। उन्होंने मोटर पम्प का बटन दबाकर खाली गिट्टी खदान का पानी उन गांवों के लिए नहर में छोड़ा, जहां गर्मी के मौसम में लोगों को निस्तार में असुविधा हो रही है।
डॉ.रमन सिंह ने कहा कि यह एक नया प्रयोग है, जिस पर आगे अमल करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति खाली खदानों के पानी के सदुपयोग के संबंध में अध्ययन कर सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। प्रस्तावित समिति में भूगर्भ विशेषज्ञ (जियोलाजिस्ट), पर्यावरण विशेषज्ञ, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और खनिज साधन विभाग के अधिकरियों को शामिल किया जाएगा। समिति की अनुशंसा के आधार पर खाली खदानों के पानी के उपयोग के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
उन्होंने जलदान उत्सव में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि खदानों में संचित पानी का निस्तार, सिंचाई आदि कामों के लिए इस्तेमाल करने का विचार सराहनीय है। मंदिर हसौद क्षेत्र के नागरिकों ने खाली खदानों के पानी का निस्तार सुविधा के लिए सार्वजनिक उपयोग का संकल्प लिया है, जो वास्तव में प्रेरणादायक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पानी का निस्तार के साथ-साथ सिंचाई और शुद्धिकरण के बाद पेयजल के रुप में कैसे उपयोग किया जाए, गर्मी के मौसम में सूखे तालाबों को कैसे भरा जाए, समिति इस पर गंभीरता से विचार करेगी। इसमें यह भी ध्यान रखा जाएगा कि खाली खदान से पानी लेने पर उस क्षेत्र के जल स्तर पर कोई विपरीत प्रभाव तो नहीं पड़ेगा। समिति खाली खदानों को आपस में जोड़कर इसकी जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने की संभावना पर भी विचार करेगी।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि जल के अधिक दोहन और जंगलों के कटने के कारण आज जल संकट की स्थिति बन गयी है। आज आवश्यकता है कि वर्षा के जल का संरक्षण और संवर्धन किया जाए।
Follow @JansamacharNews