तिरुवनंतपुरम, 2 जून | केरल विधानसभा में गुरुवार को 86 वर्षीय वयोवृद्ध नेता ओ. राजगोपाल द्वारा विधायक के रूप में शपथ लेने के साथ ही आखिरकार सदन में कमल खिल गया। 14वीं केरल विधानसभा का पहला सत्र गुरुवार को शुरू हुआ और यह दिन सदस्यों के शपथ ग्रहण को समर्पित रहा। दो दिवसीय सत्र का समापन शुक्रवार को होगा। सत्र विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए आहूत किया गया है।
विधानसभा चुनाव में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने 91 सीटों पर जीत हासिल करके चुनाव जीत लिया, जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाले विरोधी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) को केवल 47 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा।
माकपा नेता पिनाराई विजयन (72) को मंत्रिमंडल के 18 सदस्यों सहित 25 मई को शपथ दिलाई गई थी।
एलडीएफ और यूडीएफ ने अपने चुनाव अभियान में बार-बार दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनाव में एक भी सीट नहीं मिलेगी। लेकिन, पार्टी एक सीट जीतने में कामयाब रही।
राजगोपाल ने गुरुवार सुबह आकर्षण के केंद्र में रहे। उन्होंने विवेकानंद, अय्यांकली और शहीद स्तंभ पर श्रद्धांजलि अर्पित की और अपनी नीमोम सीट का त्वरित दौरा किया।
राजगोपाल आगे की पंक्ति में पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी के साथ वाली सीट पर बैठे थे।
उनके शपथ ग्रहण के दौरान राज्य भाजपा अध्यक्ष कुम्मनेम राजशेखरन और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।
राजगोपाल ने कहा, “मैं विधानसभा में एक जिम्मेदार और रचनात्मक विपक्षी विधायक के रूप में काम करूंगा।”
अस्थायी अध्यक्ष और वरिष्ठ माकपा विधायक एस. सरमा ने 139 विधायकों को शपथ दिलाई।
सत्तारूढ़ एलडीएफ ने दो बार विधायक रह चुके पी. श्रीरामाकृष्णन को अध्यक्ष के तौर पर नामित किया है, जबकि विपक्षी एलडीएफ ने युवा विधायक वी.पी. सजींद्रन को अपने उम्मीदवार के रूप में उतारने का फैसला किया है।
हालांकि श्रीरामाकृष्णन की जीत तय है, लेकिन सभी की नजरें राजगोपाल और सात बार विधायक रह चुके पी.सी. जॉर्ज पर लगी हैं, जो कि पहले एलडीएफ और यूडीएफ के साथ थे, लेकिन इस बार उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
Follow @JansamacharNews