राजपूत एवं ब्राह्मणों के लिए भी होंगी कल्याणकारी योजनाएं: वीरभद्र

शिमला, 12 फरवरी। हिमाचल प्रदेश राज्य स्तरीय राजपूत कल्याण बोर्ड की आज यहां आयोजित बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर राजपूत समुदाय के लोगों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पिछड़ा वर्ग की समरुपता पर प्रदान करने की मांग उठी। बैठक में बोर्ड के प्रतिनिधियों ने आगामी बजट में राजपूत अथवा ब्राह्मण समुदाय के बीपीएल परिवारों को कल्याणकारी एवं आवासीय योजनाओं के अन्तर्गत लाने की मांग की। प्रतिनिधियों ने कहा कि राजपूत एवं ब्राह्मण परिवारों के लिए इस प्रकार की कोई की योजनाएं नहीं हैं। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह समुदाय द्वारा उठाए गए मुद्दे से सहमत हैं तथा इस सम्बन्ध में वह भारत सरकार को पत्र लिखेंगे और यदि, भारत सरकार से इस सम्बन्ध में कोई उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो राज्य सरकार गरीबी की रेखा से नीचे रह रहे राजपूत समुदाय के परिवारों के लिए कल्याणकारी एवं आवासीय योजनाओं को क्रियान्वित करेगी।

वीरभद्र सिंह ने बीपीएल का सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बीपीएल सूची में कुछ धनाड्य परिवारों के नाम दर्ज होने के मामले सामने आए हैं, जिससे गरीब लोग सुविधाओं से वंचित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने बीपीएल की सूची में नामांकित परिवारों से शपथपत्र लेने तथा इसकी जांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा करने को कहा। उन्होंने कहा कि आवास के आबंटन तथा अन्य लाभों के लिए धनाड्य परिवारों को अधिमान दिया गया है तथा वास्तविक बीपीएल परिवार एवं समाज के कमजोर वर्ग इससे प्रभावित हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने राजपूत समुदाय के बीपीएल परिवारों के उत्कृष्ट विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए कम ब्याज दरों पर ऋण सुविधा से जुड़े मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। बैठक में शिक्षण संस्थानों तथा विभिन्न प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं के लिए राजपूत और सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के मुकाबले शुल्क में अन्तर से जुड़े मामले पर विचार करने का भी निर्णय लिया गया।

बैठक में राजपूत समुदाय को आर्थिक अथवा आय की स्थिति के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग का दर्जा प्रदान करने की एकजुट मांग उठाई गई।

मुख्यमंत्री ने अन्तरजातीय विवाह के लिए प्रदान किए गए 50 हजार रुपये के अनुदान की पूर्ण सूचना प्राप्त करने के निर्देश दिए, क्योंकि अन्तरजातीय विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि के दुरूपयोग के कई उदाहरण सामने आए हैं। इस दौरान अन्तरजातीय विवाह के लिए दिए जाने वाली प्रोत्साहन राशि को समाप्त करने की मांग गई, जिस पर मुख्यमंत्री ने मामले में जांच-पड़ताल का आश्वासन दिया।

बैठक में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग की तर्ज पर वंचित राजपूत समुदाय के कल्याण के लिए विशेष आयोग के गठन के मामले पर विचार करने का भी निर्णय लिया गया। समुदाय के प्रतिनिधियों ने वर्तमान अत्याचार निवारण अधिनियम में संशोधन करने अथवा मामले को भारत सरकार के साथ उठाने की मांग की। उनका कहना था कि अधिनियम के दुरुपयोग के अनेक उदाहरण सामने आए हैं। मुख्यमंत्री ने मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि जिन लोगों ने भूमि काश्तकारी अधिनियम के अन्तर्गत जमीन ली है तथा इसे बाद में बेच दिया है और पुनः स्वयं अथवा उनके बच्चों ने भूमिहीन होने का बहाना कर भूमि के लिए आवेदन किया है, ऐसी भूमि की विक्री पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। सीमांत अथवा लघु किसान, जो अपनी भूमि पर कृषि करने की स्थिति में नहीं है, वे इस भूमि को बिना किसी भय के तथा मालिकाना टाइटल में परिवर्तन किए बगैर आगे काश्तकारी के लिए पट्टे पर दे सकते हैं। प्रायः देखा गया है कि समय के साथ-साथ काश्तकार ऐसी भूमि के मालिक बन जाते हैं। इस भय से अब जमीन मालिक अपनी भूमि को काश्तकारी के लिए नहीं दे रहे हैं, जिससे जमीनें बंजर बन रही हैं।

बैठक में प्रत्येक जिले में महाराणा प्रताप भवनों का निर्माण तथा राजपूत समुदाय के गरीब एवं कमजोर वर्गों के छात्रों को उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों की तर्ज पर लाभ प्रदान करने का मामला भी उठाया गया है। मुख्यमंत्री ने कांगड़ा जिले के तलवाड़ा में महाराणा प्रताप की क्षत-विक्षत प्रतिमा को हटाने तथा इस महान राजपूत योद्धा की मूर्ति के निर्माण के लिए श्रेष्ठ मूतिकार को हायर करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने राजपूत भवनों के निर्माण की मांग पर समुदाय के सदस्यों से इनके निर्माण के लिए भूमि का चयन करने तथा इसके लिए आवेदन करने का आग्रह किया ताकि उनकी मांग को पूरा किया जा सके। उन्होंने ठोडा खेल को मान्यता देने एवं संरक्षण के भी निर्देश दिए।

वीरभद्र सिंह ने चम्बा जिले की ग्राम पंचायत बंदला के किरा गांव में राजकीय प्राथमिक पाठशाला खोलने की घोषणा की। उन्होंने मण्डी जिले के धर्मपुर के चैंतड़ा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए शीघ्र सड़क निर्माण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सदस्यों के आग्रह पर यात्रा भत्ता दावा फार्म में संशोधन करने के निर्देश दिए।