‘राजमार्ग गांवों’ के विकास के लिए 1200 स्थानों की पहचान की गई

नई दिल्ली, 22 फरवरी (जनसमा)। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी ने  ‘राजमार्ग गांवों’ के रूप में विकसित करने के लिए 1200 स्थानों (स्पॉट) की पहचान की गई है। इन स्थानों पर आराम करने की विशेष जगह, फूड प्लाजा, ईंधन भरने वाले केन्द्र (स्टेशन), शॉपिंग मॉल और हैलीपैड जैसी सुविधाएं होंगी। इससे निकटवर्ती गांवों में रोजगार अवसर सृजित होंगे और इसके साथ ही इन गांवों की उपज के लिए एक बाजार भी सृजित होगा।

गडकरी ने यह भी कहा कि नीतिगत मुद्दों पर परामर्श देने के लिए राज्यों के परिवहन मंत्रियों का उच्चाधिकार प्राप्त समूह गठित करने की घोषणा की है, ताकि देश के परिवहन क्षेत्र को आधुनिक, सक्षम और पारदर्शी बनाया जा सके। उच्चाधिकार प्राप्त समूह की अगुवाई राजस्थान के पीडब्ल्यूडी एवं परिवहन मंत्री यूनुस खान करेंगे।

गडकरी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद की 16वीं बैठक और परिवहन विकास परिषद की 37वीं बैठक को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अनेक राज्य सड़क परिवहन निगम भारी घाटे में चल रहे हैं और देश के परिवहन क्षेत्र के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाकर इस समस्या का समाधान निकालना पड़ेगा।

गडकरी ने कहा कि केन्द्र सरकार राज्यों के अधिकारों का हनन नहीं करना चाहती है, बल्कि इसके बजाय केन्द्र सरकार यह चाहती है कि राज्यों के राजस्व में बढ़ोतरी हो।

देश में सड़क सुरक्षा को बेहतर करने की जरूरत पर विशेष बल देते हुए गडकरी ने कहा कि देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 720 ‘ब्लैक स्पॉटों’ की पहचान की गई है और इस दिशा में सुधारात्मक कदम उठाने के लिए 11,000 करोड़ रुपये अलग से रखे गये हैं।

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में हर साल देशभर में तकरीबन 5 लाख दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लगभग डेढ़ लाख लोग अपनी जिंदगी गंवा बैठते है। अगले पांच वर्षों के दौरान दुर्घटनाओं की संख्या में 50 फीसदी की कमी करने का लक्ष्‍य है। उन्होंने कहा कि यातायात जाम एवं दुर्घटनाओं की समस्या से निजात पाने के लिए हवाई यातायात नियंत्रण और सड़क यातायात नियंत्रण की तर्ज पर एक सड़क यातायात नियंत्रण प्रणाली स्थापित करने की जरूरत है, जो उपग्रह आधारित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करेगी।

गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्गों के नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई को मौजूदा 96,000 किलोमीटर से बढ़ाकर 2 लाख किलोमीटर करने की योजना है।