जयपुर, 5 अक्टूबर (जस)। राजस्थान के आदिवासी अंचल डूंगरपुर जिले ने अपनी सदियों पुरानी नैसर्गिक विरासत को सहेजने और संरक्षित करने की दिशा में बुधवार को एक अनूठा संदेश देते हुए जिले के दो शहर मुख्यालयों सहित 291 ग्राम पंचायतों में सबसे पुराने पेड़ को ‘मदर ट्री’ (जननी वृक्ष) के रूप में चयन किया। जिला कलक्टर सुरेन्द्र कुमार सोलंकी की पहल पर प्रारंभ की गई इस अनूठी मुहिम के तहत बुधवार को जिले भर में आयोजित ग्राम सभाओं में ग्रामीणों ने पूरे उत्साह के साथ ‘मदर ट्री’ का चयन किया और इनके संरक्षण के लिए अपनी श्रद्धा की अभिव्यक्ति की।
‘मदर ट्री’ चयन के लिए आयोजित समारोह में कलेक्ट्रेट के पीछे स्थित लगभग सौ साल पुराने वटवृक्ष को ‘मदर ट्री’ घोषित किया गया। इस दौरान वटवृक्ष की परिक्रमा कर मौजूद लोगों को इस वटवृक्ष के संरक्षण का संकल्प भी दिलाया गया। अभियान के तहत जिले की समस्त 291 ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया और ग्राम सभा की बैठक में गांव के सबसे पुराने वृक्ष का ‘मदर ट्री’ के रूप में चयन का प्रस्ताव लिया गया।
प्रस्ताव के तहत मदर ट्री’ के चयन के साथ उसके संरक्षण, ‘मदर ट्री’ के आस-पास स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने, वृक्ष की जड़ों में कचरा एवं अपशिष्ट डाले जाने पर पाबंदी लगाने वृक्ष को काटने, तोड़ने, छांटने अथवा नुकसान पहुंचाने पर पाबंदी का उल्लेख करते हुए ग्राम पंचायत द्वारा इसको संरक्षित वृक्ष के रूप में प्रस्तावित किया गया। ‘मदर ट्री’ चयन करने की मुहिम के तहत विशेष रूप से तैयार किया गया ’’लोगो’’ सोशल मीडिया में भी आकर्षण का केन्द्र रहा। इस आकर्षक लोगो की डिज़ाईन शहर के ख्यातनाम चित्रकार रूपेश भावसार द्वार की गई है जिसमें एक जननी को हरे-भरे पेड़ के रुप में दर्शाया गया है और इसके संरक्षण का संदेश दिया गया है।
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