जयपुर, 01 जुलाई (जनसमा)। राजस्थान की सभी नगरीय निकाय अपने-अपने संसाधनों से आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करें। प्रदेश की हर सिटी स्मार्ट सिटी हो यही हमारा उद्देश्य है। राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग डॉ. मनजीत सिंह ने यह बातें शुक्रवार को स्वायत्त शासन भवन में स्वायत्त शासन विभाग एवं स्मार्ट सिटी काउन्सिल इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित (रेवेन्यू जनरेशन एण्ड प्रोक्यूरमेंट) कार्यशाला में उपिस्थत नगरीय निकाय के अधिकारियों के समक्ष व्यक्त किये।
डॉ. मनजीत सिंह ने स्मार्ट सिटी का मतलब समझाते हुए कहा कि किसी भी शहर में वाटर सप्लाई ठीक हो पानी का नुकसान न हो 24 घन्टे नागरिकों को पानी मिले, अच्छा पब्लिक ट्रांसपोर्ट हो, हर घर सीवरेज से जुड़ा हो, हर घर में टॉयलेट हो एवं उसका उपयोग किया जाये। नगरीय निकायों द्वारा किये जाने वाले कार्य ऑन-लाईन हो, शहर का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा ग्रीन स्पेस विकसित हो, कचरे का प्रबन्धन हो, स्मार्ट सिटी होती है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की नगरीय जनसंख्या लगभग 5 करोड़ से अधिक है। हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश की हर नगरीय निकाय ऑन-लाईन हो तथा नागरिकाें को सभी आवश्यक मूलभूत सेवाएं उपलब्ध हो। उन्होंने बताया कि वर्तमान में देश में जारी केन्द्र सरकार की सभी योजनाएं चाहे स्मार्ट सिटी, एल.ई.डी. लाईट, अमृत स्वच्छ भारत मिशन हो सब में राजस्थान आगे है। प्रदेश में सभी नगरीय निकायों में प्रोपर्टी का सर्वे किया जा रहा है। सभी नगरीय निकायों मे दोहरी लेखा पद्धति से कार्य प्रारम्भ किया गया है। आने वाले समय में प्रदेश की 190 नगरीय निकाय क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट पर 40 हजार करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे।
Follow @JansamacharNews