जयपुर, 21 जनवरी। उपभोक्ता संघ से एनएसी प्राप्त कर बाजार से दवा खरीदने वाले पेंशनर्स को अब अप्रैल माह से बिलों का भुगतान सीधे उनके खातों में किया जाएगा। इससे पेंशनर्स को अनावश्यक परेशानी से बड़ी राहत मिलेगी।
सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार डॉ. आर. वेंकटेश्वरन ने बताया कि जयपुर जिले के राज्य सरकार के पेंशनर्स की सुविधा के लिए यह निर्णय किया गया है। उन्होंने बताया कि सहकारी उपभोक्ता संघ के दवा बिक्री केन्द्रों पर दवा उपलध नहीं होने पर पेंशनर्स द्वारा एनएसी प्राप्त कर बाजार से दवा क्रय की जाती है और बाद में उसके भुगतान के लिए बिल प्रस्तुत किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि पेंशनर्स को परेशानी से बचाने के लिए नई व्यवस्था की जा रही है।
डॉ. वेंकटेश्वरन ने बताया कि आगामी अप्रैल से अब जयपुर जिले के राज्य पेंशनर्स के एनएसी पेंशनर्स बिलों का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से सीधे संबंधित पेंशनर्स के खातों में किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इससे करीब 75 हजार पेंशनर्स लाभान्वित होंगे।
उपभोक्ता संघ के प्रबंध संचालक इन्दर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार के पेंशनर्स से आग्रह किया गया है कि वे आवश्यक सूचनाएं उपभोक्ता संघ के नेहरु पैलेस स्थित प्रबंधक मेडिकल के कार्यालय में उपलध करा दे। उन्होंने बताया कि आरटीजीएस से भुगतान के लिए पेंशनर का नाम, पीपीओ नंबर, बैंक का नाम और पूरी खाता संख्या, बैंक शाखा का आईएफएस कोड़ नंबर, व पेंशनर्स का मोबाईल नंबर के साथ ही कोषालय द्वारा कोई कटौती की जाती है तो उसकी वसूली की अण्डरटेकिंग भी देनी होगी।
रासायनिक उर्वरकों का संतुलित प्रयोग जरुरी
इफको के राज्य विपणन प्रबंधक राजेन्द्र खर्रा ने बताया है कि इस वर्ष काश्तकारों को सहकारी समितियों के माध्यम से इफको द्वारा 8.5 लाख टन रासायनिक उर्वरक उपलध कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि इफको ने गुणवाायुक्त कीटनाशकों का भी उत्पादन कर वितरण आरंभ कर दिया है।
खर्रा गुरुवार को अपेस बैंक में 9 जिलों के सहकारी प्रतिनिधियों की संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इफको के मुख्य प्रबंधक कृषि सेवा जी.एस. कांगवा ने उर्वरकों के उचित प्रयोग की जानकारी देते हुए मृदा जांच सुझावों के अनुसार उर्वरकों एव कंपोस्ट व हरी खाद का अधिक से अधिक उपयोग करने पर जोर दिया।
संगोष्ठी में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक गुण नियंत्रण श्री के.सी. मीणा ने कृषि विभाग की अनुदानित योजनाओं की जानकारी दी। उपनिदेशक डॉ. पी.के. सिंह और दुर्गापुरा अनुसंधान केन्द्र के प्रोफेसर डॉ. अर्जुन सिंह बालोदा ने दवा के छिड़काव व उपयोग के संबंध में जानकारी दी। इफको के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक किशन सिंह ने सहकारी समितियों को समय पूर्व ही उर्वरक भण्डारण करने की सलाह दी।
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