जयपुर, 3 फरवरी। राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिड़ावा कस्बा का निवासी निहालचंद एक साधारण परिवार का रहने वाला है। उसकी पारिवारिक आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसने 9 वीं तक ही पढ़ाई की। उसे इस बात का बेहद दुख था कि वह घर की आर्थिक स्थिति में अपना योगदान नहीं दे पा रहा था। अक्सर काम नहीं मिलने के कारण वह मानसिक तनाव में रहता था।
निहालचंद ने बताया कि एक दिन मुझे मेरी ग्रामसभा में राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी मिली। ग्रामसभा में बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम निशुल्क चलाए जा रहे हैं। साथ ही इनमें प्रशिक्षण लेने की भी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दी गई है।
मैंने तुरन्त कौशल विकास कार्यक्रम में रिंग फ्रेम मशीन ऑपरेटर का प्रशिक्षण लिया। यहां की सभी फैकल्टीज से मुझे प्रशिक्षण में काफी सहयोग मिला। यहां पर मुझे लगभग तीन माह में कम्प्यूटर, मशीन ऑपरेट एवं मेन्टीनेन्स का काम गहनता से सिखाया गया।
प्रशिक्षण के उपरान्त मुझे राजस्थान टैक्टाईल मील भवानी मण्डी में जूनियर मशीन ऑपरेटर के पद पर नौकरी मिल गई। मुझे खुशी है कि अब वहां मैं 10 हजार 800 रूपये प्रतिमाह के वेतन पर काम कर रहा हूं।
मुझे कौशल विकास कार्यक्रम से जीने की राह मिली। मैं मेरे परिवार को चलाने में सहायता करता हूं। जिससे मेरे परिवार की माली हालत में सुधार आया है। आज मैं पूर्ण आत्मविश्वास के साथ काम कर रहा हूं। राज्य सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं के लिए निशुल्क कौशल विकास का प्रशिक्षण एक वरदान है।
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