जयपुर, 2 मई। युवाओं का कौशल विकास करकेे उनको आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रहे राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर बहुत से युवाओं और अपने पैरों पर खड़े होने की अभिलाषा रखने वाले लोगों को रोजगार मिल रहे हैं और उनकी आजीविका की दिक्कतें भी दूर हो रही हैं।
इन्हीं लोगों के बीच राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आर.एस.एल.डी.सी.) द्वारा प्राप्त प्रशिक्षण से बांसवाड़ा जिले के शहरी क्षेत्र कल्याण कॉलोनी में रहने वाली गरीब महिला नूतन सिंह आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनी। नूतन के परिवार की आय का मुख्य स्रोत छोटा मोटा रोजगार था जो की कुछ खास नहीं थी। परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वे कक्षा12वीं से अधिक नहीं पढ़ पायी। कुछ समय बाद उनका विवाह हो गया।
दो बच्चे होने के बाद नूतन के पति की आय से परिवार का भरण-पोषण ठीक से नहीं हो पा रहा था। जिले में आयोजित रोजगार मेले के माध्यम से नूतन को राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सूचना मिली। उन्होंने जल्द से जल्द कार्यालय में संपर्क किया व सीएल एजुकेट प्रा. लि. विकास केन्द्र पर सम्पर्क किया।
आर.एस.एल.डी.सी. के मार्गदर्शन से उन्होंने रिटेल मैनेजमेन्ट कोर्स में प्रवेश ले लिया। प्रशिक्षण के दौरान ही उनके आत्मविश्वास में भी काफी वृद्वि हुई। प्रशिक्षण में रिटेल मैनेजमेन्ट एवं कार्यालय के कार्य को अच्छे से बताया एवं सिखाया गया। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने कम्प्यूटर को बेहतरीन तरीके से सीख स्वयं का आत्मविश्वास को बढाया।
प्रशिक्षण उपरान्त उन्हें बहुत अच्छी नौकरी प्राप्त हुई, जिससे सामाजिक स्तर पर उनका एवं उनके परिवार के मान सम्मान में वृद्वि हुई। जैसे ही प्रशिक्षण पूर्ण हुआ, वैसे ही उन्हें बांसवाड़ा शहर में एरिसेन्ट फाईनेशियल कन्स्लटेन्ट कम्पनी में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर नौकरी प्राप्त हुई । वहां पर उनका वेतन आठ हजार रुपये प्रति माह तय हुआ। इतना वेतन उन्हें प्राप्त होगा ऎसा उन्होंने कभी नही सोचा था। यह सब राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के कारण संभव हो सका।
नूतन जैसे लाखों युवा है जिन्होंने कौशल प्रशिक्षण कर अपने हुनर को बढ़ाया है। राज्य सरकार की यह सर्वोच्च प्राथमिकता है कि युवाओं में कौशल विकसित कर उन्हें रोजगार परक बनाया जा सके।
फोटो सौ॰ राजस्थान लाइव्लीहुड्स डॉट ओआरजी
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