जयपुर, 8 सितंबर। राजस्थान में 3 हजार 848 ग्राम पंचायतों के लिए पंचायत चुनाव-2020 चार चरणों में कराए जाएंगे।
पहले चरण में 28 सितंबर, दूसरे चरण में 3 अक्टूबर, तीसरे चरण में 6 अक्टूबर और चौथे चरण में 10 अक्टूबर को मतदान होगा।
सभी पंचायतों में सरपंच पदों के लिए ईवीएम मशीनों द्वारा और वार्ड पंच पदाें के लिए मतदान मतपेटी द्वारा करवाए जाएंगे।
कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी सभी गाइडलाइंस की पालना सुनिश्चित करते हुए प्रदेश की ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है।
चुनाव आयुक्त पीएस मेहरा ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान आयोग पर राज्य के नागरिको को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखते हुए अपने संवैधानिक दायित्व के निर्वहन की बड़ी चुनौती है।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की स्थिति की समय-समय पर समीक्षा की गई।
उन्होंने बताया कि कोरोना के लक्षण एवं बचाव के संबंध में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा गत कई महीनों से विभिन्न माध्यमों से व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जो अभी भी जारी है।
केन्द्र और राज्य सरकार के इन प्रयासों से आम जनता कोरोना महामारी के लक्षण एवं बचाव के तरीकों से भलीभांति परिचित हो गई है। इसके साथ-साथ आयोग द्वारा निर्वाचन के विभिन्न स्तर पर कोरोनो से बचाव के लिए विस्तृत दिशानिर्देश भी जारी किए हैं ताकि सभी मतदाता पंचायत चुनाव में अपने को एवं अन्य को सुरक्षित रखते हुये भयमुक्त होकर मतदान में भाग ले सकें।
चुनाव आयुक्त ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए निर्वाचन की प्रत्येक गतिविधि में सम्मिलित होने वाले व्यक्तियों (निर्वाचनकर्मी, मतदाता, चुनाव लडने वाले अभ्यर्थी, पोलिंग एजेंट आदि) के लिए मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा एवं समय-समय पर हाथों को सैनेटाइज करना होगा।
इसके अलावा पंचायत चुनाव प्रशिक्षण स्थल, मतदान केन्द्र एवं मतदान सामग्री संग्रहण स्थल को उपयोग से पूर्व सैनेटाइज करना होगा। नामनिर्देशन पत्र प्रस्तुत करते समय अभ्यर्थी के साथ एक ही व्यक्ति को रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में प्रवेश दिया जाएगा।
राजस्थान में पंचायत चुनाव के दौरान मतदाताओं को मतदान के समय मास्क लगाना अनिवार्य होगा। निर्वाचन लडने वाले अथ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार के लिए जुलूस, रैली आदि में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड-19 की गाइडलाइनों का उल्लघंन तत्समय प्रवृत विधि के अनुसार दण्डनीय होगा।
कोरोना के चलते चुनाव का समय एक घंटे बढ़ाया
मेहरा ने बताया कि 3 हजार 848 पंचायतों में चुनाव के लिए गठित मतदान केन्द्र पर मतदाताओं की संख्या 1100 से घटाकर 900 कर दी गई, ताकि सोशल डिस्टेसिंग की पालना हो सके। इसके अलावा नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने एवं संवीक्षा के समय में 30 मिनिट की बढ़ोतरी की गई है। वहीं मतदान का समय एक घंटा बढाकर प्रातः 7.30 से सांय 5.30 तक रखा गया है ताकि एक साथ अधिक मतदाता एकत्रित न हो और सभी अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग कर सकें। सोशल डिस्टेंसिंग के चलते ही चुनाव चार चरणों में रखा गया है।
55 वर्ष से अधिक के कार्मिकों का चुनाव में नियोजन नहीं
मेहरा ने बताया कि सभी ईवीएम को निर्वाचन के लिए तैयार करते समय सैनेटाइजेशन किया जाएगा। कोविड-19 मैनेजमेंट के लिए पंचायत समिति स्तर पर ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। प्रत्येक निर्वाचनकर्मी को आयोग्य सेतु एप उपयोग करना होगा।
पंचायत चुनाव के दौरान मतदान दल के सभी सदस्यों को पर्याप्त मात्रा में मास्क, ग्लव्स एवं सैनेटाइजर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि 55 वर्ष से अधिक के कार्मिकों को यथा संभव मतदान दल में नियोजित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा गर्भवती महिला, धात्री महिला एवं गंभीर रोग से ग्रसित कार्मिकों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखा जाएगा।
सवा करोड़ से ज्यादा मतदाता कर सकेंगे मताधिकार का इस्तेमाल
चुनाव आयुक्त ने बताया कि इन 3 हजार 848 ग्राम पंचायतों में 35,968 वार्ड हैं, जिनमें 1 करोड़ 28 लाख 23 हजार 785 पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें 67 लाख 7 हजार 732 पुरुष मतदाता, 61 लाख 15 हजार 979 और 74 थर्ड जेंडर मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इन पंचायतों की निर्वाचन प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही राज्य की समस्त ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं पंचों के निर्वाचन पूर्ण हो जाएंगे। पंचायती राज संस्थाओं के जिला परिषद सदस्यों एवं पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव के लिए पृथक से घोषणा की जाएगी।
चारों चरणों में करवाया जाएगा सुबह 7.30 से शाम 5.30 तक मतदान
मेहरा ने बताया कि प्रथम चरण 1003 सरपंचों और 9 हजार 355 वार्ड पंचों के लिए 16 सितंबर को लोकसूचना जारी की जाएगी। 19 सितंबर को प्रातः 10 से 5 बजे तक नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए जा सकेंगे। 20 सितंबर को नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की जााएगी। इसी दिन 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। चुनाव प्रतीकों का आवंटन और चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन 20 सितंबर को नाम वापसी के समय के बाद कर दी जाएगी। 27 सितंबर तक मतदान दल निर्वाचन स्थल पर पहुंचेंगे और 28 सितंबर (सोमवार) प्रातः 7.30 से सायं 5.30 बजे तक मतदान करवाया जाएगा। मतदान समाप्ति के बाद सभी पंचायत मुख्यालयों पर मतगणना करवाई जाएगी। 29 सितंबर को उपसरपंच का चुनाव होगा।
इसी तरह दूसरे चरण के 1028 सरपंचों और 9662 वार्ड पंचों के लिए 16 सितंबर को लोकसूचना जारी की जाएगी। 23 सितंबर को प्रातः 10 से 5 बजे तक नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए जा सकेंगे। 24 सितंबर को नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की जााएगी। इसी दिन 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। चुनाव प्रतीकों का आवंटन और चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन 24 सितंबर को नाम वापसी के समय के बाद कर दी जाएगी। 2 अक्टूबर तक मतदान दल निर्वाचन स्थल पर पहुंचेंगे और 3 अक्टूबर (शनिवार) प्रातः 7.30 से सायं 5.30 बजे तक मतदान करवाया जाएगा। मतदान समाप्ति के बाद सभी पंचायत मुख्यालयों पर मतगणना करवाई जाएगी। 4 अक्टूबर को उपसरपंच का चुनाव होगा।
तीसरे चरण में 943 सरपंचों और 8661 वार्ड पंचों के लिए के लिए 16 सितंबर को लोकसूचना जारी की जाएगी। 26 सितंबर को प्रातः 10 से 5 बजे तक नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए जा सकेंगे। 27 सितंबर को नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी। इसी दिन 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। चुनाव प्रतीकों का आवंटन और चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन 27 सितंबर को नाम वापसी के समय के बाद कर दी जाएगी। 5 अक्टूबर तक मतदान दल निर्वाचन स्थल पर पहुंचेंगे और 6 अक्टूबर (मंगलवार) प्रातः 7.30 से सायं 5.30 बजे तक मतदान करवाया जाएगा। मतदान समाप्ति के बाद सभी पंचायत मुख्यालयों पर मतगणना करवाई जाएगी। 7 अक्टूबर को उपसरपंच का चुनाव होगा।
चौथे चरण में 874 सरपंचों और 8 हजार 290 वार्ड पंचों के लिए के लिए 16 सितंबर को लोकसूचना जारी की जाएगी। 30 सितंबर को प्रातः 10 से 5 बजे तक नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए जा सकेंगे। 1 अक्टूबर को नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी। इसी दिन 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। चुनाव प्रतीकों का आवंटन और चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन 1 अक्टूबर को नाम वापसी के समय के बाद कर दी जाएगी। 9 अक्टूबर तक मतदान दल निर्वाचन स्थल पर पहुंचेंगे और 10 अक्टूबर (शनिवार) प्रातः 7.30 से सायं 5.30 बजे तक मतदान करवाया जाएगा। मतदान समाप्ति के बाद सभी पंचायत मुख्यालयों पर मतगणना करवाई जाएगी। 11 अक्टूबर को उपसरपंच का चुनाव होगा।
चुनाव नियन्त्रण कक्ष की स्थापना
मेहरा ने बताया कि आयोग मुख्यालय एवं जिला स्तर पर चुनाव कार्य से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं आमजन द्वारा भी चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि के बारे में जानकारी प्रदान करने एवं प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए चुनाव नियन्त्रण कक्ष स्थापित किया जायेगा जिसका टेलीफोन नम्बर 2227786 है यह नियन्त्रण कक्ष प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक कार्य करेगा।
घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू
चुनाव आयुक्त ने बताया कि पंचायत चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचरण संहिता के प्रावधान तुरन्त प्रभाव से लागू हो गए हैं, जो चुनाव प्रक्रिया समाप्ति तक लागू रहेंगे। आयोग द्वारा राज्य सरकार को आदर्श आचरण संहिता की प्रभावी पालना हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि संबंधित पंचायती राज संस्थाओं में विभिन्न विभागों के विकास कार्य जिसके कार्यादेश आचार संहिता के प्रभाव में आने से पूर्व ही जारी किए जा चुके हैं या जो विकास कार्य पूर्व से ही चल रहे हैं, वे सभी आचार संहिता से प्रभावित नहीं होंगे। नई स्कीम, नए विकास कार्य एवं नए कार्यादेश आचार संहिता के लागू होने के बाद पूर्णतया प्रतिबंधित रहेंगे। राज्य में कार्मिकों के स्थानांतरणों पर (अतिआवश्यक सेवाओं को छोड़कर) भी पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। आवश्यक होने पर आयोग से अनुमति लेनी होगी।