राजस्थान में हर मरीज होगा ऑनलाइन

29 जनवरी, जयपुुर। आगामी दिनों में एक क्लिक करते ही रोगी की हिस्ट्री चिकित्सक के सामने कम्प्यूटर की स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगी। इससे आनुवांशिक रोगियों के ईलाज में वास्तविक स्थिति का पता चलने से चिकित्सक को काफी मदद मिलेगी।

इसकी तैयारी को लेकर चिकित्सा विभाग द्वारा आरोग्य राजस्थान के तहत घर-घर सर्वे कर परिवार के सदस्यों व बीमारी सहित, परिवार के भामाशाह कार्ड सहित अन्य जानकारी जुटाई जा रही हैं। सर्वे के बाद सभी परिवारों के डाटा को ऑनलाइन कर भामाशाह कार्ड से लिंक किया जाएगा। इस व्यवस्था के बाद विभाग के पोर्टल पर जैसे ही परिवार के भामाशाह कार्ड संख्या डालेंगे तो परिवार की डिटेल खुलकर स्क्रीन पर आ जाएगी। इसमें परिवार में किस सदस्य को कौनसा रोग कब से है और किस स्टेज पर उपचार चल रहा है इसकी सारी जानकारी भी शमिल होगी।

जानकारी के अनुसार आरोग्य राजस्थान के तहत आशा सहयोगिनियां घर-घर जाकर सर्वे कर कार्ड में बीमारी भरेंगी। इसके बाद इसकी सूचना एएनएम को दी जाएगी। वहां से पीएचसी व सीएचसी प्रभारी को यह डाटा दिया जाएगा। पीएचसी व सीएचसी पर संबंधित बीमार का खून, हीमोग्लोबिन आदि की जांच की जाएगी। इसी के तहत एक दिसंबर से ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। यह शिविर 31 मार्च तक लगाए जाएंगे।

चिकित्सा विभाग द्वारा करवाए जा रहे सर्वे कार्ड में परिवार के सदस्यों की जानकारी, भामाशाह कार्ड संख्या, परिवार में कितने सदस्य किस रोग से ग्रस्त हैं और कब से हैं आदि का उल्लेख किया गया है। सर्वे कार्ड में 47 बीमारियों का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा कार्ड में बीमारियों के लक्षण का भी उल्लेख किया गया है।

एनआरएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुशील कुमार ने बताया कि जिले में आरोग्य राजस्थान कार्यक्रम के तहत अक्टूबर 15 से शुरु की गई इस योजना के तहत आशाओं के माध्यम से 2 लाख 13 हजार 594 परिवारों का सर्वे कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि सर्वे के बाद परिवार के डाटा को ऑनलाइन फीड किया जा रहा है।

उन्होंनेे बताया कि 19 दिसंबर 2015 से शनिवार व रविवार को अब तक सवाईमोधोपुर में ग्राम पंचायत स्तर पर कुल 72 शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। जिसमें 7402 महिलाओं, 7166 पुरुषों की जांच गई। इनमें हिमोग्लोबिन की जांच, आंखों की जांच, ब्लडप्रेशर, लंबाई वजन की जांच चिकित्सकों द्वारा की गई और गंभीर बीमारियों से पीडि़त व्यक्तियों को सरकारी व निजी अस्पतालों पर रैफर किया गया। 31 मार्च तक जिले में कुल 204 कैंप ग्राम पंचायतवार आयोजित किए जाएंगे।