जयपुर, 27 अगस्त। राजस्थान में कोराना संक्रमण के कारण बन्द किए गए धर्म स्थल 7 सितम्बर से आमजन के लिए खुल सकेंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को कोरोना संक्रमण को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्णय किया गया।
धार्मिक स्थल पर मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने सहित कोरोना से बचाव के सभी सुरक्षात्मक उपायों की पालना करना अनिवार्य होगा।
समय-समय पर धार्मिक स्थल को सैनिटाइज भी करना होगा। सम्बन्धित जिलों के कलक्टर एवं एसपी बड़े धार्मिक स्थलों पर जाकर वहां व्यवस्थाएं देखेंगे एवं यह सुनिश्चित करेंगे कि पर्याप्त सुरक्षा उपाय हों तथा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सही तरीके से की जाए।
हेल्थ प्रोटोकॉल की पूरी तरह से हो पालना
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर यह देखने में आया है कि जहां-जहां भीड़ इकट्ठी होती है, वहां कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते हैं। ऎसे में जिला प्रशासन, धर्म गुरूओं एवं धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए गठित कमेटी के साथ-साथ दर्शनार्थियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने तथा अधिक भीड़ एकत्र नहीं करने सहित भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी हेल्थ प्रोटोकॉल की पूरी तरह से पालना हो।
उन्होंने आमजन से अपील की कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए जहां तक सम्भव हो पूजा, उपासना, प्रार्थना और नमाज घर पर रहकर ही की जाए ताकि धर्म स्थलों पर भीड़ नहीं जुटे।
गहलोत ने कहा कि जिला स्तर पर जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि बड़े मन्दिरों में विशेष दिनों पर दर्शनार्थियों की भीड़ नहीं जुटे और सोशल डिस्टेंसिंग की पूर्ण पालना होे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार प्रसाद, फूलमाला, अन्य पूजा सामग्री ले जाने एवं घण्टी बजाने पर प्रतिबंध है। ऎसे में धार्मिक स्थल इसका पूरा ध्यान रखें।
धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए बनी कमेटी/ट्रस्ट को वहां आने वाले दर्शनार्थियों को हेल्थ प्रोटोकॉल एवं कोरोना से बचाव के उपायों की अनुपालना सुनिश्चित करवानी होगी।
मिठाई की दुकानों, थड़ी-ठेलों पर भीड़ एकत्र नहीं हो
मुख्यमंत्री ने बारिश के मौसम एवं कोरोना संक्रमण को देखते हुए मिठाई की दुकानों, ठेले एवं थड़ियों पर किसी तरह की भीड़ नहीं लगने देने एवं सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी अनुपालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।