राजस्थान : वर्ष 2015-16 में राजफैड का शुद्ध लाभ 3.5 करोड़ रहा

राजस्थान : वर्ष 2015-16 में राजफैड का शुद्ध लाभ 3.5 करोड़ रहा

जयपुर, 20 सितम्बर (जस)। राजफैड समर्थन मूल्य पर विकेन्द्रीत खरीद व्यवस्था का विस्तार करेगा तथा राज्य सरकार सहित सदस्य संस्थाओं को दस प्रतिशत लाभांश देगा। यह जानकारी मंगलवार को सहकार भवन में आयोजित राजफैड की 60वीं वार्षिक साधारण सभा में सभा के मनोनीत अध्यक्ष मांगीलाल डागा ने दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015-16 में राजफैड का शुद्ध लाभ 3.5 करोड़ रहा है।

डागा ने बताया कि विकेन्द्रीकृत खरीद व्यवस्था को वर्ष 2016-17 में भरतपुर एवं जयपुर संभाग के समस्त 9 जिलों में लागू किया गया है। क्रय विक्रय सहकारी समितियों द्वारा वर्ष 2015-16 में 471.90 करोड़ रुपये का गेहूं भारतीय खाद्य निगम तथा राजस्थान राज्य खाद्य एवं आपूर्ति निगम के लिए 16.31 करोड रुपये की कृषि जिन्सों की खरीद की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की बजट घोषणा की अनुपालना में 121 लाख मैट्रिक टन डीएपी एवं 2.28 लाख मैट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति की गई। वहीं .63 लाख मैट्रिक टन यूरिया का भी स्टॉक किया गया है।

इस अवसर पर रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. रेखा गुप्ता ने बताया कि समन्वित प्रयासों से राज्य में समय पर खाद-बीज की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकी है। उन्होंने कहा कि सहकारिता संस्थाएं अपने संघीय ढांचे के अनुसार ही गतिविधियों का संचालन करेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के व्यापक हितों को देखते हुए क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर खरीद की जाती है तथा समस्याओं के समाधान के लिए उच्च स्तरीय प्रयास किए जाएंगे।

राजफैड की प्रबन्ध संचालक डॉ. वीना प्रधान ने बताया कि वर्ष 2016-17 में रबी एवं खरीफ के सीजन के 735 करोड़ रुपये कृषि जिन्सों की खरीद की कार्य योजना बनाई गई है तथा 364.76 करोड़ रुपये के कृषि आदान की योजना भी बनाई गई है। उन्होंने बताया कि राजफैड द्वारा पशु आहार के उत्पादन एवं विक्रय में भी बढ़ोतरी हुई है। डॉ. वीना प्रधान ने आम सभा में आए सभी सदस्यों को आश्वस्त किया कि कि राजफैड के स्तर पर सभी समितियों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा तथा समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजफैड समितियों के कारण ही है और समितियों की चिंता राजफैड की चिंता है।