जयपुर,6 जनवरी । राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने विधानसभा अध्यक्ष की जयपुर से बाहर एस्कार्ट हटाने के राज्य सरकार के फैसले की कड़ी निंदा की है। डूडी ने कहा कि राज्य सरकार का यह फैसला अविवेकपूर्ण है क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष का प्रोटोकाल गृहमंत्री से बड़ा होता है। इसके अलावा राजस्थान में अब तक जो श्रेष्ठ परंपराएं रही हैं उनमें विधानसभा अध्यक्ष के पद की गरिमा का सदैव ध्यान रखा गया है।
डूडी ने कहा है कि जिस तरह राज्य सरकार ने केबीनेट मंत्रियों की जयपुर से बाहर सुरक्षा हटाने का निर्णय लिया है, उस सूची में विधानसभा अध्यक्ष का नाम आश्चर्यजनक है। यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सलाहकार परिपक्व नहीं है और राज्य सरकार निरंतर अपरिपक्व निर्णय करती जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष को एस्कार्ट की आवश्कता संभवतया नहीं हो क्योंकि वे प्रदेश के अत्यंत सहज, वरिष्ठ एवं आदरणीय राजनेता हैं लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के प्रोटोकाॅल के अनुरूप उन्हें पूरे प्रदेश में एस्कार्ट उपलब्ध कराना राज्य सरकार का कर्तव्य है।
डूडी ने कहा है कि राज्य सरकार पिछले दो वर्ष में राजस्थान विधानसभा के प्रति गंभीर नहीं रही है। राज्य सरकार ने पिछले दो वर्ष में सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के सदस्यों की ओर से पूछे गये जनहित के साढ़े तीन हजार से अधिक प्रश्नों के जवाब नहीं दिये हैं जो कि घोर लापरवाही का घोतक है। अब राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष की सुरक्षा में कटौती कर राज्य सरकार ने अपनी जिस गैर-जिम्मेदारना मनोवृति का परिचय दिया है वह अत्यंत निंदनीय है।
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