रायपुर, 25 अप्रैल । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 44 डिग्री की गर्मी के साथ-साथ दोपहर में पड़ रहीं अल्ट्रावॉयलेट किरणें खतरनाक स्तर पर पहुंच गई हैं। यूवी किरणें अधिकतम 10 स्टैंडर्ड तक रहें, तब तक यह खतरनाक नहीं होतीं, लेकिन अमेरिकी मौसम विज्ञान एजेंसी एक्यूवेदर के मुताबिक, यह रायपुर में 12 के स्तर तक पहुंच गई हैं।
क्लाइमेटालॉजिकल एक्सपर्ट डॉ. ए.एस.आर.ए.एस. शास्त्री के मुताबिक, एसी का इस्तेमाल बढ़ने और अन्य वजहों से जमीन से करीब 45 किलोमीटर ऊपर ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचा है। यही लेयर यूवी किरणों को सोखती है, लेकिन जहां यह कमजोर हैं, वहां यूवी किरणें ज्यादा बरसने लगती हैं।
डॉ. शास्त्री का कहना है कि इस माह के दूसरे पखवाड़े में छतीसगढ़ समेत पूरा मध्यभारत खुले आसमान के साथ-साथ बेहद गर्म पश्चिमी हवा की चपेट में है। अप्रैल के आखिरी दिनों और मई में तापमान के 44-45 डिग्री तक पहुंचने पर यह और खतरनाक हो सकती हैं।
तेज धूप में इन्हीं किरणों की वजह से त्वचा में जलन महसूस होती है और ज्यादा संपर्क में रहने से त्वचा को बड़ा नुकसान हो सकता है। इसीलिए पर्यावरण विशेषज्ञों ने राजधानी सहित प्रदेशभर में चेतावनी जारी कर दी है। आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने के साथ यह 14 के स्तर तक पहुंचने का खतरा है, जो शरीर के लिए घातक होने लगेगा।
एक्यूवेदर ने हाल में देशभर के अलग-अलग हिस्से में अल्ट्रावॉयलेट किरणें गिरने के स्तर की ताजा रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक, मध्य भारत यानी छत्तीसगढ़ और आसपास के हिस्से में यह किरणें 12 स्टैंडर्ड पर हैं, जबकि 10 स्टैंडर्ड से ऊपर की मात्रा स्वास्थ्य के लिए खतरनाक मानी गई है।
अमेरिकी मौसम विज्ञान विभाग की यह एजेंसी सालभर अल्ट्रावॉयलेट किरणों का स्तर मापकर जारी करती है। गर्मी में भारत के लिए यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में सभी जगह तापमान सामान्य से तीन-चार डिग्री तक अधिक है। अगले 24 घंटे के दौरान कहीं-कहीं पर लू चलने की चेतावनी जारी की गई है। दिन का तापमान 44 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।
क्या हैं यूवी किरणें : यूवी किरणों का मुख्य स्रोत सूर्य हैं। इसके अलावा टेनिंग लैंप और बेड से भी यूवी किरणें निकलती हैं। यूवी किरणें त्वचा-कोशिकाओं के डीएनए को क्षति पहुंचाती हैं, इसलिए सर्वाधिक खतरा त्वचा को है। इसी वजह से त्वचा पर लाल चकते पड़ने लगते हैं।
विश्वभर में यूवी किरणों के लेवल की सही जानकारी देने वाला उपग्रह सिर्फ अमेरिका के पास है। अमेरिका मौसम विज्ञान विभाग का उपग्रह पूरे सालभर यूवी किरणों के लेवल की जानकारी भेजता है। यह किरणें मार्च से लेकर जून तक खतरनाक स्तर पर रहती हैं। बाकी सीजन में यह 10 के लेवल से नीचे रहती है। इस वजह से यह हानिकारक नहीं होतीं।(आईएएनएस/आईएएनएस)
Follow @JansamacharNews