देहरादून/नई दिल्ली, 9 मई | बागी कांग्रेसी विधायकों को रिश्वत देने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सवालों का जवाब देने के लिए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को कुछ और वक्त मांगा। रावत ने देहरादून में संवाददाताओं से कहा, “मुझे उम्मीद है कि हमारी व्यावहारिक समस्याओं को समझते हुए सीबीआई हमें और वक्त देगी।”
उन्होंने कहा, “मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि मैं खुद को सीबीआई के समक्ष पेश करूंगा और वे जो भी सवाल करेंगे, उसका जवाब दूंगा।”
नई दिल्ली में सीबीआई अधिकारियों ने आईएएनएस से इस बात की पुष्टि की कि उनके समक्ष पेश होने के लिए रावत ने और समय मांगा है। पूर्व मुख्यमंत्री को सीबीआई ने सोमवार को दिल्ली आने के लिए समन जारी किया था।
रावत ने देहरादून में यह भी कहा कि वह नारको जांच के लिए तैयार हैं।
प्रदेश की 70 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए रावत द्वारा कांग्रेस के बागी विधायकों को रिश्वत देने की पेशकश वाले कथित वीडियो के सामने आने के बाद सीबीआई ने रावत को समन जारी किया है।
वीडियो बनाने वाले उमेश कुमार से सीबीआई पहले ही पूछताछ कर चुकी है। वह सोमवार को एक बार फिर सीबीआई मुख्यायल पहुंचे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया है कि रावत ने शक्ति प्रदर्शन के दौरान जीत तय करने के लिए बागी कांग्रेस विधायकों को रिश्वत व मंत्रिपद देने की पेशकश की। रावत ने आरोपों का खंडन किया है।
सीबीआई के एक सूत्र ने बताया कि फोरेंसिक रिपोर्ट से साबित हो गया है कि सीडी असली है, इससे छेड़छाड़ नहीं की गई है।
कांग्रेस विधायकों के विद्रोह के बाद रावत सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था, जिसके बाद से ही उत्तराखंड में निर्वाचित सरकार नहीं है। केंद्र सरकार ने 27 मार्च को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। –आईएएनएस
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