शिमला, 03 जून (जनसमा)। हिमाचल प्रदेश के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला ने शुक्रवार को यहां होटल पीटरहॉफ में अपना स्वर्ण जयंती वर्ष दीक्षांत समारोह मनाया। जिसमें 97 एमबीबीएस, 87 स्नातकोत्तर, 6 स्नातकोत्तर डिप्लोमा तथा 6 सुपर स्पेशियलिटी विद्यार्थियों ने डिग्रियां प्राप्त की।
राष्ट्रपति ने मेधावी चिकित्सकों को स्नातकोतर तथा चिकित्सा स्नातक में श्रेष्ठ स्थान हासिल करने वालों को स्वर्ण पदकों से सम्मानित किया। राष्ट्रपति से स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में डा. रीतु रानी तथा एमबीबीएस पाठ्यक्रम के दौरान विभिन्न चिकित्सा अध्ययन विषयों में पांच स्वर्ण पदक प्राप्त डा. मीनाक्षी के अलावा डा. नेहा सिंह, डा. शिप्री शर्मा, डा. तनवी कटोच शामिल हैं।
राष्ट्रपति ने पदक व चिकित्सा स्नातक की डिग्रियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों, विशेषकर पांच स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली डा. मीनाक्षी को बधाई दी।
राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने स्नातक, स्नात्कोत्तर, पोस्ट डॉक्ट्रिएल डिग्री तथा मैडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी।
इस अवसर पर वीरभद्र सिंह ने सभी उत्तीर्ण स्नातकों तथा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों से पीड़ित मानवता के प्रति उदारता तथा समर्पण भाव से सेवा करने का आह्वान किया तथा आम लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान के लिए यह गौरव का विषय होता है कि उसने अपनी स्थापना के पच्चास वर्ष सफलतापूर्वक पूरे किये हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 1966 में अस्तित्व में आए आईजीएमसी ने प्रदेश के लोगों को विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाकर तथा स्वास्थ्य अधोसंरचना संवर्द्धन के मील पत्थर स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी, उत्तरी भारत में कार्डिक केथेरेटेईजेशन और एंजियोग्राफी सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले गिने-चुने मेडिकल कॉलेजों में शामिल है, जो हृदय रोगियों को ओपन हार्ट सर्जरी सुविधाएं भी प्रदान कर रही है।
वीरभद्र ने कहा कि आज आईजीएमसी चिकित्सा शिक्षा में एक उत्कृष्ट संस्थान के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान में 20 विशेषज्ञ स्नातकोत्तर प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं और यह देश के उन कुछ चुनिंदा चिकित्सा महाविद्यालयों में शामिल है जहां कार्डियिलॉजी व कार्डियो सर्जरी में स्नातकोत्तर चिकित्सीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान ने लगभग 2899 स्नातक तथा 1337 स्नातकोत्तर चिकित्सक तैयार किए हैं। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में अंडर ग्रेज्युऐट और पोस्ट ग्रेज्युऐट विद्यार्थियों को लर्निंग एवं टीचिंग में आर्ट लाईब्रेरी तथा वर्चुअल लेक्चर थियेटर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अपनी तरह की पहली हि.प्र. टेली-स्टोक परियोजना अप्रैल, 2014 में आरम्भ की गई थी, जो भारतवर्ष में स्मार्ट फोन आधारित टेलीमेडिसिन परियोजना है। इस परियोजना के अन्तर्गत राज्य के जनजातीय तथा दूर-दराज क्षेत्रों में लोगों को उनके घर द्वार के समीप समय पर निःशुल्क स्टोक उपचार प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को फरवरी, 2016 में आयोजित ई. पंजाब सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ ई. स्वास्थ्य पुरस्कार प्रदान किया गया था।
Follow @JansamacharNews