मुजफ्फरपुर (बिहार), 10 मई | बिहार की विश्व प्रसिद्ध शाही लीची का स्वाद देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी चखेंगे। वैसे यह कोई पहला मौका नहीं है, जब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बिहार की प्रसिद्ध शाही लीची का स्वाद चखेंगे।
बिहार से प्रतिवर्ष शाही लीची प्रधानमंत्री आवास, राष्ट्रपति भवन और बिहार के मुख्यमंत्री आवास में भेजे जाती हैं। यह दीगर बात है कि पिछले वर्ष शाही लीची की अच्छी पैदावार न होने के कारण लीची राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री आवास नहीं भेजी गई थी।
लीची के लिए प्रसिद्ध मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन इस वर्ष देश और राज्य के मंत्री, सांसद सहित कई गणमान्य लोगों को लीची पहुंचाने में जुटा हुआ है। मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी धर्मेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को शाही लीची के एक हजार पैकेट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए चार-चार अलग-अलग समितियों का गठन किया गया है।
जिले के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि मुजफ्फरपुर के लीची बागों से अच्छी क्वालिटी की शाही लीची की खोज प्रारंभ कर दी गई है। बिहार से अगले 20 दिनों में लीची बतौर उपहार दिल्ली भेजी जाएगी, जो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा अन्य राजनयिकों के बीच वितरित की जाएगी।
शाही लीची के 600 पैकेट दिल्ली भेजे जाने की संभावना है। प्रत्येक पैकेट में 50 किलोग्राम लीची की पैकिंग की जाएगी। मुजफ्फरपुर से गंतव्य तक समय पर लीची पहुंचाने के लिए उप विकास आयुक्त (डीडीसी) के नेतृत्व में एक समिति गठित की गई है।
समिति में शामिल अधिकारी मुजफ्फरपुर के मीनापुर, बोचहां और कांटी क्षेत्र के किसानों के बाग का दौरा कर लीची का नमूना संग्रह करेंगे और उसके बाद अच्छी किस्म की शाही लीची का चयन के बाद उसकी पैकिंग कर गंतव्य स्थल तक भेजी जाएगी।
उल्लेखनीय है देश के कुल लीची उत्पादन में बिहार की हिस्सेदारी 65 प्रतिशत से ज्यादा है। बिहार में कुल 30,600 हेक्टेयर भूमि पर लीची की खेती की जाती है। इस वर्ष बिहार में तीन लाख टन लीची उत्पादन की संभावना व्यक्त की गई है।
उल्लेखनीय है कि मोदी ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान मुजफ्फपुर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए यहां की लीची की प्रशंसा की थी। –आईएएनएस
फोटो सौ॰ राष्ट्रीय लीची शोध संस्थान।
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