नई दिल्ली, 01 जून (जनसमा)। भारत को आपदा प्रतिरोधक बनाना और जन-जीवन तथा संपत्ति के नुकसान को कम करने के उद्देश्य से देश में तैयार की गई अपनी तरह की पहली योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को जारी कर दिया।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) नाम की यह योजना ‘सेनडाई फ्रेमवर्क’ के चार बिन्दुओं पर आधारित है। इनमें आपदा जोखिम का अध्ययन, आपदा जोखिम प्रबंधन में सुधार करना, ढांचागत और गैर ढांचागत उपायों के जरिये आपदा जोखिम को कम करने के लिए निवेश करना तथा आपदा का सामना करने के लिए तैयारी, पूर्व सूचना एवं आपदा के बाद बेहतर पुनर्निर्माण करना शामिल हैं।
योजना के दायरे में आपदा प्रबंधन के सभी चरण शामिल हैं- रोकथाम, जोखिम कम करना, प्रत्युत्तर तथा बहाली। योजना के तहत सरकार के समस्त विभागों और एजेंसियों के बीच हर प्रकार के एकीकरण का प्रावधान किया गया है। योजना में पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों सहित प्रत्येक सरकारी स्तर पर भूमिका और दायित्व के विषय में उल्लेख किया गया है। यह योजना क्षेत्रीय आधार को ध्यान में रख कर बनाई गई है जो न सिर्फ आपदा प्रबंधन के लिए बल्कि विकास योजना के लिए भी लाभकारी है।
इसका डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है कि इसे आपदा प्रबंधन के सभी चरणों में समान रूप से लागू किया जा सकता है। इसमें पूर्व सूचना, सूचना का प्रसारण, चिकित्सा सेवा, र्इंधन, यातायात, खोज, बचाव आदि जैसी प्रमुख गतिविधियों को भी शामिल किया गया है ताकि आपदा प्रबंधन में संलग्न एजेंसियों को सुविधा हो सके। योजना के तहत बहाली के लिए एक आम फ्रेम वर्क भी बनाया गया है। इसके अलावा परिस्थितियों का आकलन करने और बेहतर पुनर्निर्माण के उपायों का भी उल्लेख किया गया है।
समुदायों को आपदा का मुकाबला करने के सम्बंध में सक्षम बनाने के लिए योजना में सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियों पर अधिक जोर दिया गया है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना जारी करने के लिए आयोजित समारोह में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आला अधिकारी भी उपस्थित थे।
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