नई दिल्ली, 04 फरवरी (जनसमा)। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बुद्धवार को राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केन्द्र (एनसीसीएस) का दौरा किया जो दुनिया में इस तरह की तीसरी सबसे बड़ी सुविधा है। यह जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित एक स्वायत्त संस्थान है।
विजन भारती के राष्ट्रीय आयोजन सचिव जयंत सहस्रबुद्धे और डीबीटी के सलाहकार डॉ अरविंद दुग्गल भी इस अवसर पर उपस्थित थे। एनसीसीएस के निदेशक डॉ शेखर मांडे ने उन्हें एनसीसीएस द्वारा राष्ट्रीय हित में दिए गए योगदान और योजना बनाई गई कुछ नई पहलों के बारे में भी जानकारी दी।
भारत की समृद्ध माइक्रोबियल जैव विविधता के अंवेषण और संरक्षण में एमसीसी द्वारा किए गए व्यापक प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह सुविधा एक या दो क्षेत्रों में अधिक ध्यान केंद्रित अनुसंधान में भी अपनाई जानी चाहिए।
डॉ. हर्षवर्धन को बताया गया कि इस केंद्र की स्थाना 1988 में हुई थी और अपनी स्थापना से ही यह केंद्र अत्याधुनिक अनुसंधान कोशिका जीव विज्ञान के विविध क्षेत्रों में अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मक अनुसंधान में अग्रणीय स्थान रखता है। इसने कैंसर, मधुमेह और अन्य चयापचय बीमारियों, संक्रामक रोगों और पुनर्योजित चिकित्सा में उल्लेखनीय योगदान दिया।
डॉ. हर्षवर्धन ने एनसीसीएस की कई प्रयोगशालाओं और पशु कोशिका रिपोजिटरी का भी दौरा किया और वैज्ञानिकों, छात्रों और कर्मचारियों के साथ बातचीत की।
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