राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका अहम : राज्यपाल टंडन

रायपुर, 5 सितंबर । छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। वे देश की रीढ़ होते हैं। माता-पिता हमें जीवन देते हैं, लेकिन असली जन्मदाता, शिक्षक होते हैं, जो हर बच्चे की प्रतिभा पहचानकर उनको गढ़ने का कार्य करते हैं और मार्गदर्शन देते हैं। (15:40)
राज्यपाल टंडन ने शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में व्यक्त किए। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप, संसदीय सचिव अंबेश जांगड़े उपस्थित थे।

कार्यक्रम में वर्ष 2015 के 22 शिक्षकों को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान प्रदान किए गए। इस वर्ष से जिला एवं विकासखंड स्तर में भी शिक्षकों को मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण से भी सम्मानित करने की शुरुआत हुई।

राज्यपाल ने पूर्व राष्ट्रपति, महान शिक्षक एवं चिंतक डॉ. राधाकृष्णन का स्मरण किया, जिनकी जयंती को पूरा राष्ट्र, शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षा को एक मिशन माना था।

टंडन ने कहा कि किसी भी देश और समाज में शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। वे ज्ञान की रोशनी से विद्यार्थियों का जीवन आलोकित करते हैं और देश के कर्णधारों को तैयार करते हैं। हमारे देश में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर एवं अरविंदो जैसे महान शिक्षाविद् रहे हैं, जिन्होंने शिक्षकों के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।

टंडन ने राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान प्राप्त शिक्षकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये शिक्षक सम्मान प्राप्त करने के बाद भी अपना कार्य उसी लगन से करते रहेंगे। शिक्षक भावी पीढ़ी को तैयार करते हैं, जो देश और समाज के विकास की दिशा तय करते हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों का यह कर्तव्य है कि वे विद्यार्थियों में उदात्त आदशरें एवं नैतिक मूल्यों को रोपित करने के साथ ही विद्यार्थियों में देशभक्ति की शिक्षा दें और उन्हें बताएं कि देश सबसे पहले आता है।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शिक्षक दिवस और गणेश चतुर्थी की बधाई दी। उन्होंने इस अवसर पर विशेष रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विपरीत परिस्थितियों में कार्य कर रहे शिक्षकों को याद किया और कहा कि ये शिक्षक पूरी लगन और मेहनत से विद्यार्थियों का जीवन संवारने में लगे हैं और ये विशेष रूप से बधाई के पात्र हैं।

उन्होंने कहा, “हमारे देश में हजारों वर्षों से गुजनों का सम्मान करने की परंपरा रही है।”

मुख्यमंत्री ने महान शिक्षक चाणक्य को याद किया, जिन्होंने एक गरीब विद्यार्थी को अखंड भारत के निर्माण के लिए तैयार किया। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षक डॉ. अब्दुल कलाम का भी स्मरण किया, जिन्होंने आखिरी सांस तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए विद्यार्थियों को संस्कारित किया।

स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने वर्ष 2016 के पुरस्कार के लिए चयनित 41 शिक्षकों के नामों की घोषणा की। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली को ध्यान में रखते हुए शिक्षक स्वयं अपडेट रहें।         –आईएएनएस