नई दिल्ली, 9 जुलाई | प्रख्यात लेखक अमित्व घोष 10-14 जुलाई, 2016 तक राष्ट्रपति भवन में राइटर इन-रेजीडेंस के रूप में निवास करेंगे। उनकी पत्नी श्रीमती डेबोरा बेकर भी उनके साथ रहेंगी।
अमितत्व घोष पुरस्कार विजेता लेखक और निबंधकार हैं, जिनकी प्रसिद्ध पुस्तकों में – ‘द सर्किल ऑफ रीजन, द शैडो लाइन्स, इन एन एन्टिक लैंड, डांसिंग इन कम्बोडिया, द कलकत्ता क्रोमोजोम, द ग्लास पैलेस, द हंगरी टाइड एंड द इबिस ट्राइलॉजी : सी ऑफ पोपीज और रिवर ऑफ स्मॉक एंड फ्लड ऑफ फॉयर शामिल हैं।
राष्ट्रपति भवन में ‘इन रेजीडेंस’ कार्यक्रम की शुरूआत 11 दिसंबर 2013 को भारत के राष्ट्रपति ने की थी, जिसका उद्देश्य लेखकों और कलाकारों को राष्ट्रपति भवन में ठहरने और राष्ट्रपति भवन के जीवन का एक हिस्सा बनने के लिए एक अवसर प्रदान करना था। इस कार्यक्रम से ऐसा माहौल उपलब्ध कराना है, जिससे रचनात्मक सोच और कलात्मक आवेगों को फिर से जीवंत बनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। इसका उद्देश्य प्रतिष्ठित और स्थापित कलाकारों और लेखकों के साथ-साथ देश के सभी भागों से युवाओं की उभरती हुई प्रतिभा की पहचान करना और उन्हें मान्यता देना है। इस कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में राष्ट्रपति भवन में ठहरने वाले पहले व्यक्ति जानेमाने कलाकार और सांसद जोगेन चौधरी थे। इन रेजीडेंस में ठहरने का निमंत्रण मूर्तिकार सुबोध गुप्ता और कलाकार परेश मैती को भी दिया गया है।
इन रेजीडेंस कार्यक्रम में जमीनी स्तर के नवोन्मेषक, कलाकार, लेखक, केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के प्रेरित शिक्षक, पुरस्कार विजेता स्कूल शिक्षक और विभिन्न राज्यों तथा आईआईटी, आईआईएसईआर, आईआईएससी-बी, एनआईटी के विद्वान शामिल हैं। आज की तारीख तक लगभग 140 व्यक्ति इन-रेजीडेंस कार्यक्रम का हिस्सा बन चुके है। उनकी नवीनतम पुस्तक ‘द ग्रेट डिरेंजमेंट : कलाइमेट चेंज एंड द अनथिंकेबल का 12 जुलाई, 2016 को दिल्ली में विमोचन किया जा रहा है।
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