जयपुर, 15 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेशभर में रास्तों के विवाद का निपटारा करने के लिए एक नवम्बर से विशेष अभियान चलाने, 14 अक्टूबर से पंचायत शिविरों का आयोजन करने तथा गिरल लिग्नाइट पावर लि. के शत-प्रतिशत विनिवेश सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमण्डल ने न्याय आपके द्वार अभियान की सफलता के बाद किसानों की मांग को देखते हुए रास्तों के विवाद मौके पर निपटाने के लिए प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। सितम्बर-अक्टूबर माह में इस अभियान की तैयारियां पूर्ण कर एक नवम्बर से 15 दिसम्बर तक यह अभियान चलाया जायेगा।
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व न्याय आपके द्वार अभियान 2016 में रास्ता विवाद के 11 हजार 247 प्रकरणों का निस्तारण किया गया था। हर शुक्रवार आयोजित होंगे पंचायत शिविर श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में 14 अक्टूबर, 2016 से आम जन की सुविधा के लिए प्रत्येक शुक्रवार को राज्य में पंचायत शिविरों का अभियान के तौर पर आयोजन करने का निर्णय लिया गया है। इसके अन्तर्गत हर शुक्रवार को अटल सेवा केन्द्रों में प्रातः 9.30 बजे से प्रत्येक पंचायत समिति की दो ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें विशेष तौर पर पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास, महिला अधिकारिता, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता मामलात और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा राजस्व विभाग भाग लेंगे।
जिला कलेक्टर इसके नोडल अधिकारी होंगे। ब्लॉक स्तरीय अधिकारी भी शिविरों में उपस्थित रहेंगे। इन शिविरों में पंचायती राज की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा, बजट की जानकारी, निःशुल्क भूमि आवंटन, परिसम्पत्तियों के भौतिक सत्यापन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने, मनरेगा, आवासीय योजनाओं की समीक्षा, डिजिटाइज्ड राशनकार्ड का वितरण, पालनहार योजना, सामाजिक पेंशन छात्रवृत्ति, संबंधी कार्यों के अलावा मेडिकल कैम्प का आयोजन भी किया जाएगा। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित किए जाएंगे।
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि. के विभिन्न उपक्रमों के लगातार घाटे में रहने के कारण आर.बी. शाह टास्क फोर्स की अभिशंसा के अनुरूप गिरल लिग्नाइट पावर लि. की बाड़मेर स्थित 125 मेगावाट की दो इकाइयों का शत-प्रतिशत विनिवेश करने का नीतिगत निर्णय लिया गया है।
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