नई दिल्ली, 16 जुलाई | रियो ओलम्पिक के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल न किए जाने से निराश रितु रानी ने हॉकी इंडिया (एचआई) के चयनकर्ताओं और कोच पर निशाना साधते हुए उन पर लगे सभी अरोपों का खंडन किया। एक दशक से अधिक समय तक लगभग सभी टूर्नामेंटों में महिला हॉकी टीम का कप्तान के तौर पर नेतृत्व करने वाली रितु ने स्वयं पर लगे बुरे व्यवहार और खराब प्रदर्शन के आरोपों को गलत बताया।
ओलम्पिक खेलों में 36 साल बाद भारतीय महिला हॉकी टीम को प्रवेश दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली रितु ने एक समाचार टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में यह बात कही।
रितु ने कहा, “मुझे इस खबर से काफी सदमा लगा। मेरा फिटनेस और व्यवहार से संबंधित कोई मुद्दा नहीं है। मुझे टीम से बाहर निकाले जाने को लेकर ठीक तरह से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।”
महिला हॉकी टीम की नियमित कप्तान रहने वाली रितु ने कहा कि वह किसी भी प्रशिक्षण शिविर से नहीं गई। शिविर के ब्रेक पर रहने के दौरान उनकी सगाई हुई थी।
रितु ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ी सरदार सिंह भी निजी जीवन में परेशानियों झेल रहे हैं, लेकिन उन्हें हॉकी इंडिया से अच्छा समर्थन मिला है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं।
हॉकी खिलाड़ी ने कहा, “इतने साल से जो में हॉकी खेलती आ रही हूं, वह बेकार हो गया। मेरे मंगेतर काफी निराश हैं। सरदार भी तो निजी तौर पर परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इस पर उनसे भले ही उनकी कप्तानी ले लगी गई हो, लेकिन वह अब भी टीम में हैं। फिर मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यों?”
रितु ने कहा, “झूठे आरोप लगाना गलत है। मुझे नहीं लगता कि मैं टेलीविजन पर ओलम्पिक खेलों के मुकाबले देख पाऊंगी।”
रितु समाचार टेलीविजन चैनल पर साक्षात्कार के दौरान रों पड़ी। –आईएएनएस
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