रायपुर, 20 अगस्त (जस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शनिवार को यहां छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ द्वारा आयोजित रेडियो श्रोताओं के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि रेडियो पहले भी लोकप्रिय था और टेलीविजन तथा संचार क्रान्ति के युग में भी वह आज भी लोकप्रिय है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र ने विगत 50 वर्ष से भी ज्यादा समय से छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, लोक संगीत और लोक गीतों को जन-जन तक पहुंचाने तथा लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
डॉ. रमन सिंह ने इस अवसर पर लगाई गई पुराने रेडियो सेटों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल अबूझमाड़ जैसे कठिन इलाके में भी मैंने ग्रामीणों के बीच रेडियो का आकर्षण देखा। आजादी की लड़ाई के दौरान 20 अगस्त 1931 को हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने छोटे रूप में ही सही, लेकिन जन-जागरण का एक बड़ा अभियान अपने भूमिगत रेडियो स्टेशन के जरिए शुरू किया था। महान क्रान्तिकारी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने विदेशी धरती से रेडियो के जरिए भारतीयों में देशभक्ति का संचार किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के युग में रेडियो आम जनता तक सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के साथ-साथ सूचना, शिक्षा और मनोरंजन और समाज के साथ कनेक्टिीविटी का एक बड़ा माध्यम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाचार पत्रों के जरिए सूचनाएं शहरी क्षेत्रों और उनके आसपास के इलाकों में तो पहुंच जाती है, लेकिन छत्तीसगढ़ की बहुत बड़ी आबादी आज भी दूरदराज गांवों में रहती है, जहां हल्बी, गोंडी आदि स्थानीय बोलियों में लोगों तक विकास योजनाओं की जानकारी पहुंचाने में रेडियो की बड़ी भूमिका हो सकती है। मुख्यमंत्री ने आकाशवाणी के जरिए प्रसारित हो रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मासिक रेडियो वार्ता ‘मन की बात’ का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेकर हमने भी छत्तीसगढ़ में ‘रमन के गोठ’ कार्यक्रम की शुरूआत की है। इस कार्यक्रम का एक वर्ष पूर्ण हो गया है। इसके माध्यम से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि राज्य के विभिन्न अंचलों की स्थानीय बोलियों में भी इसका अनुवाद प्रसारित किया जाए।
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